GST

GST क्या होता है -पूरी जानकारी

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि  GST क्या होता है, GST कैसे कैलकुलेट किया जाता है और पहले के टैक्स और GST में क्या अंतर है, और GST की पूरी जानकारी।

GST क्या होता है? 

हमारे मोदी सरकार द्वारा लागू की गयी GST के बारे में आज हम जानेंगे।1 जुलाई 2017 में सरकार द्वारा GST मतलब की (Goods & Services Tax) को हमारे टैक्स system में लाया गया। आज हम अपने इस आर्टिकल के द्वारा जानेंगे की GST (Goods & Services Tax) क्या होता है ? तथा इस टैक्स को हमारे system में लाने की जरुरत क्यों पड़ी और इससे हमें या व्यवसायो को कैसे-कैसे फायदे मिल रहे है।

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GST (Goods & Services Tax) यानि की वस्तु और सेवा कर (टैक्स) साधारणतः बोलचाल की भाषा में हम आज समझते हैं की GST (Goods & Services Tax) क्या होता हैं?

Goods (वस्तु) यानि की जिसे हम देख या फिर छू सकते हैं जैसे की मोबाइल,लैपटॉप्स,कार आदि। Service (सेवा) यानि के जिसे हम छू या देख नहीं सकते जैसे की हम किसी होटल में खाना खाने जाते हैं , तो वहाँ हमें service दी जाती हैं । तो साधारणतः हम Goods & Services का उपयोग करके टैक्स चुकाते हैं ।

आइये जानते हैं की पहले हमारे देश में कैसी टैक्स system मौजूद थी,और किस प्रकार इसमें बदलाव आया।

कर(Tax) क्या होता है ?

किसी राज्य द्वारा व्यक्तियों या संस्था से जो अतिरिक्त धन लिया जाता है उसे कर या टैक्स (Tax) कहते हैं।

कर के प्रकार :

सरकार द्वारा नागरिकों पर दो तरह के कर लगाए जाते हैं,कर (Tax) दो तरह के हो सकते हैं

प्रत्यक्ष कर (direct tax) या अप्रत्यक्ष कर (indirect tax)।

Credit – Aegon Life

 प्रत्यक्ष कर (direct tax):

प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) वह कर हैं जो कर दाता द्वारा सीधे सरकार को दिए जाते हैं । इन करों का भुगतान करदाता (taxpayer) की ओर से नहीं किया जाता है । इसे सरकार द्वारा सीधे लोगों और संगठनों पर लगाया जाता है।

इस कर दायित्व को करदाता (taxpayer) द्वारा भुगतान किया जायेगा और भुगतान के लिए इसे किसी भी अन्य इकाई में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है ।

अप्रत्यक्ष कर (indirect tax):

अप्रत्यक्ष कर(indirect tax) वो कर हैं जो सीधे उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाता या फिर ये सीधे सरकार को नहीं दिया जाता । यह कर किसी माध्यम (intermediate) द्वारा सरकार तक पहुँचता हैं ।

अप्रत्यक्ष इसे इसलिए कहा जाता हैं क्योकि यह आपसे सीधे तरीके से लिया गया कर नहीं हैं ।

तो हमने जाना की indirect tax क्या होता हैं और कौन-कौन सी टैक्स indirect tax होती हैं । Indirect टैक्स जानना इसलिए आवश्यक हैं, क्योकि अप्रत्यक्ष कर को बदलाव करके ही GST लागू किया गया हैं।

अप्रत्यक्ष कर में सभी केंद्रीय तथा राज्य कर के बदले एक कर आया जिसका नाम वस्तु और सेवा कर रखा गया ।

उदहारण स्वरूप समझते हैं की कैसे GST काम करता हैं और टैक्स सिस्टम पहले कैसे कार्य कर रहा था ।

पहले के टैक्स system के अनुसार ( Tax Rate 10%)       

Producer -50+50(Profit) =100+10(Tax on 100)            =RS.110/-

Wholesaler -110+10(Profit) =120+12(Tax on 120)     =RS.  132/-

Retailer-132+10(Profit) =142+14.2(Tax on 142)         =RS. 156.2/- (Total Consumer Price)

GST टैक्स के अनुसार (Tax Rate 10%)       

Producer -50+50(Value Addition) =100+5(10% on Value Addition)                   =RS.105/-

Wholesaler -105+10(Value Addition) =115+1(10% on Value Addition)              =RS.116/-

Retailer-116+10(Value Addition) =126+1(10% on Value Addition) =RS. 127/- (Total Consumer Price)

उत्पादक कर्त्ता द्वारा वस्तु उपभोक्ता तक पहुंचने में कुछ कर (टैक्स) सरकार को देना पड़ता हैं और ये कर (टैक्स) हर एक level पर लगायी जाती हैं ।कैसे ?देखे –

पहले के टैक्स system के अनुसार  

  • मन लीजिये टैक्स %- 10 % हैं ,यहाँ Producer 50 रूपये का कच्चा माल तथा 50 रूपये का production और अपना profit भी add करेगा,इस प्रकार यहाँ कुल 100 रूपये हुए ।अब इन 100 रूपये के ऊपर 10 % टैक्स देना होगा तो कुल रूपये हुए 110 रूपये।।
  • ठीक इसी प्रकार wholesaler से लेकर consumer तक 10 रूपये के profit के साथ 10 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स हर level पर जोड़ा जायेगा और अंत में यह 156 रूपये में consumer तक पहुंच पहुँच पायेगा ।

GST टैक्स के अनुसार-

  • अब GST टैक्स के अनुसार अगर value टैक्स के ऊपर 10 % की टैक्स लग रही हैं, जिससे पिछले टैक्स के मुकाबले कम टैक्स हर level में देने की जरुरत पड़ रही हैं ।
  • दोनों में अंतर यही हैं की producer से consumer तक आते -आते पहले टैक्स system के अनुसार 156 .2 रूपये लागत देने की जरुरत हैं तथा दूसरी तरफ GST में सिर्फ 127 रूपये लागत देने की जरुरत हैं ।

अब हम जानते हैं की विभिन्न category के हिसाब से GST अलग -अलग % (प्रतिशत) के हिसाब से देने की जरुरत पड़ती हैं ।

 

Credit – GST CAknowledge

तो इस प्रकार हमने देखा की किस प्रकार अलग -अलग वस्तुओ अथवा सेवाओं के लिए हमें अलग -अलग प्रतिशत में पैसे देने की जरुरत हैं ।

GST कैसे काम करता है ?

  GST (Goods & Services Tax) नियमानुसार काम करे इसलिए GST को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं ।

 सीजीएसटी (CGST):

  • सीजीएसटी ,केंद्रीय सरकार द्वारा revenue जमा किये जायेंगे ।
  • राज्य के भीतर लेनदेन की प्रणाली के लिए सीजीएसटी का निर्माण किया गया ।

एसजीएसटी (SGST):

  • एसजीएसटी इसके तहत राज्य सरकार द्वारा revenue जमा किये जायेंगे ।

आईजीएसटी (IGST):

  • अंतरराज्यीय बिक्री के लिए केंद्र सरकार द्वारा revenue जमा किये जायेंगे ।
  • दूसरे राज्य के कर प्रणाली को सँभालने हेतु इस आईजीएसटी को लाया गया ।

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इस आर्टिकल द्वारा हमने जाना की GST (Goods & Services Tax) क्या होता हैं ? GST कितने प्रकार की होती हैं तथा कैसे ये काम करती हैं । GST कैसे कैलकुलेट किया जाता है।

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अगर आपको इससे रिलेटेड कोई भी सवाल पूछने हो, तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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