दोस्तों आपने RTI Act 2005 के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है की RTI Act 2005 क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे और क्यों किया जाता है। दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं इसी के बारे में पूरी जानकारी देने वाला है।
RTI Act 2005 क्या है?
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RTI(Right to Information) का मतलब है सूचना के अधिकार। इस शब्द से स्पष्ट प्रतीत होता है कि सभी नागरिकों को सुचना का अधिकार मिलना। यह प्रमुख रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए एक अधिनियम है जिसे 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण रूप से लागू किया गया है। सुचना के अधिकार के अधिनियमन को जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़, बाकि सरे राज्यों में लागू कर दिया गया है।
Right to information act को सुचना की स्वतंत्रता 2002 अधिनियम की जगह लाया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है। इसमें सिर्फ़ यह शर्त है कि RTI के द्वारा पूछी जाने वाली चींजे तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।
इसके अधिकार के अंतर्गत हम किसी भी सरकारी विभाग से उनसे सम्बंधित किसी भी जानकारी को जान सकते है जैसे कि उस विभाग में कितने काम हुए हैं और उसके लिए कितना पैसा आया और उनमे से कितना पैसा खर्चा हुआ है इत्यादि।
आप सरकारी विभाग जैसे किसी इलाके की राशन की दुकान में कब और कितना राशन आया, स्कूल में कितने बच्चे है और scholarship कितने बच्चों को मिली है, कॉलेज में कितनी grant आयी है और उसका इस्तेमाल कैसे हुआ है, हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए है जैसे प्रश्नो का जबाब आप Right to information act के तहत आपको मिल सकता है।
सूचना के अधिकार का सीधा-सा मतलब है कि किसी भी सरकारी दप्तर से आप उनसे सम्बंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते है और वह सरकारी विभाग आपको जानकारी देने के लिए बाध्य है। लेकिन हम देखते है कि सुचना के अधिकार मिलने के 12-13 साल के बाद भी-भी सामान्य लोगो के पास सुचना के अधिकार को लेकर कई प्रश्न है। चलिए हम उन प्रश्नों के उत्तर सरल तरीके से ढूंढ़ने की कोशिश करते है।
RTI Act 2005 की खूबियाँ:
- कोई भी भारतीय नागरिक, किसी भी सरकारी विभाग से, उनसे सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- किसी भी सरकारी विभाग / दप्तर की साधारणतः 1 महीने / 30 दिनों के अंदर जबाबदेही बनती है।
- यह अधिकार एक आम नागरिक का बहोत बड़ा हथियार है जिसकी जबाबदेही से सरकार के प्रशासन में और भी पारदर्शिता लाना संभव है। इसके अधिकार से सामान्य व्यक्तिभी बड़े-बड़े अधिकारियोंको बेनकाब कर सकता है।
- सरकार की कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी या कोई ऐसी गोपनीय जानकारी जिसे सरकार को लगता है कि जिसको सांझा करने से कुछ खतरा हो सकता है, इस अधिकार के अंतर्गत नहीं आती। उदाहरण के लिए “सर्जिकल स्ट्राइक” की गोपनीय जानकारी जिसे सरकार नहीं समझती की उसके बारे में लोगों को जानकारी हो क्योंकि ऐसी जानकारी देना राष्ट्रहित में नहीं है। उसमे ऐसे कुछ तथ्य हो सकते है जिससे दुश्मन देश को मदत मिल सकती है।
- यह कदम इसलिए भी सराहनीय है क्योकि इससे भ्रष्टाचार कम हुआ है। वाकई यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
RTI Act 2005 के तहत कौन सी जानकारी मांगी जाए?
- यह बात ध्यान देने योग्य है कि सुचना के अधिकार का उपयोग हम किसी भी सरकारी विभाग की “राय” जानने के लिए नहीं कर सकते। मसलन, आप आरोग्य विभाग को किसी भी टीकाकरण के अच्छे-बुरे अंजाम के बारे में उनकी “राय” नहीं मांग सकते। हाँ, हमें इसके उपयोग से तथ्यों की जानकारी मिल सकती है। जैसे, ” सरकारी अस्पताल में कितनी दवाइयाँ आती है, गार्डन और रस्ते की साफ़-सफाई में कितना खर्च हुआ? , इत्यादि।
- इसके अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ; जैसे, किसी सरकारी दफ्तर में कितनी नियुक्तियाँ हुई? और कितनी नियुक्तियाँ करनी बाकि है? इसके अलावा “किसी सड़क को बनाने के लिए कितने पैसे आये और कहा पर खर्च हुए, कितना फण्ड बाकि है, सड़क को पूरा करने के लिए कितना समय दिया गया है?” , इत्यादि।
- सभी सरकारी विभाग, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, बिजली कंपनियाँ, पुलिस, सुचना के अधिकार (RTI act) के अन्दर आते है।
- सरकार की कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी या गोपनीय जानकारी आप प्राप्त नहीं कर सकते। बहोत से सामान्य लोगो ने RTI के इस्तेमाल से कई ऐसी महत्त्वपूर्ण जानकारियोंको हासिल किया है जिससे उनकी समस्याए सुलझ गई है।
RTI Act 2005 द्वारा जानकारी कैसे प्राप्त करे?
- आप अपने आवेदन पत्र किसी भी सरकारी विभाग में जन सुचना अधिकारी के पास जमा किसी भी सरकारी विभाग में जन सुचना अधिकारी नियुक्त होता है।
- आप आवेदन पत्र का Format ऑनलाइन download कर सकते है और उसे पूरा भर सकते है या फिर एक सफ़ेद कागज पर अपना आवेदन (application) लिख कर submit कर सकते है। यह process करने में आप जन सुचना अधिकारीकी भी मदद ले सकते है।
- RTI का आवेदन (application) आप हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा भी किसी भी भारतीय भाषा या किसी भी स्थानीय भाषा में दे सकते हैं।
- आवेदन करते समय एक बात हमेशा याद रखिये की अपने आवेदन पत्र की एक फोटो कॉपी करवा कर जन सुचना अधिकारी से उसकी ‘रिसीविंग’ ज़रूर ले ले।
- केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है। इसके लिए आपको https: / / rtionline. gov. in / इस साईट पर जा कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- अगर आप दिल्ली के निवासी है और दिल्ली के किसी भी सरकारी विभाग के तरफ से सुचना के अधिकार से जुडी तमाम जानकारियाँ पाना चाहते है तो आप के लिए अलग व्यवस्था है। आप दिल्ली सरकार की RTI से जुडी जानकारी http: / / delhigovt. nic. in / rti में जाकर देख सकते है और-और RTI फॉर्म download कर सकते है।
इसके आलावा आप RTI से जुडी तमाम जानकारियाँ और गाइडलाइन्स आप इस वेबसाइट में https: / / rtionline. gov. in / guidelines. php? appeal जाकर देख सकते है और उसकी गाइडलाइन्स समझ कर उसके अनुसार अपना निर्णय करके अपने काम को कर सकते है।
आपको जानकारी कब मिलेगी?
- किसी भी सरकारी विभाग को आवेदन पत्र डालने के 30 दिन के अन्दर आपको जानकारी देना अनिवार्य है।
- आप ये बात याद रखिये की यदि आपको 30 दिन के अंदर जानकारी नहीं मिल पति तो आप उस सरकारी विभाग के विरूद्ध कोर्ट में अपील कर सकते है।