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DDC Election क्या होता है?

DDC Election क्या होता है?

जम्मू कश्मीर हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहता है। कभी आतंकी हमलों को लेकर तो कभी चुनाव को लेकर। हम इसी से सम्बंधित चुनाव के बारे में जानंगे DDC Election क्या होता है?

जब से जम्मू कश्मीर से Article 370 से हटा है और वहां से विशेष दर्जा छीन लिया गया है तब से वहां राजनीतिक दलों में उथल पुथल मची हुई है। वहां पर जो विपक्षी दल हैं उनसे उनका दबदबा छिनता चला जा रहा है और धीरे धीरे राजनीति में से उनका पत्ता ही साफ होता नजर आ रहा है।

इसी बीच अब जम्मू कश्मीर में एक नया इतिहास रचने के लिए तैयार है। कश्मीर घाटी में पहली बार DDC चुनाव होने जा रहे हैं। 28 नवंबर को पहला वोट डाला जाएगा और जनता खुद अपना प्रतिनिधि चुनेगी।

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जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार वहां DDC (District Development Council) Election होने जा रहा है और जब से जम्मू कश्मीर को एक केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त हुआ है उसके बाद वहां पर ये पहला चुनाव होगा। ऐसे में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना एक कड़ी चुनौती साबित होने वाली है।

जम्मू कश्मीर में होने जा रहे DDC Election 8 चरणों मे होंगे और इसका आखिरी मतदान 22 दिसंबर को किया जाएगा। ऐसे में हम सबके लिए ये जानना बेहद आवश्यक है कि DDC Election होता क्या है और ये कैसे होता है।

क्या है District Development Council (DDC)?

जम्मू कश्मीर जिससे अब एक राज्य का दर्जा छीन लिया गया है और केंद्रशासित प्रदेश में परिवर्तित कर दिया है, इसने इसी साल अक्टूबर में जम्मू कश्मीर Panchayati Raj Act, 1989 को अपना लिया है। इसके तहत अब जम्मू कश्मीर की हर District में एक District Development Council होगी। इस Council का पूरे जिले पर अधिकार होगा मगर हां नगरपालिका क्षेत्रों पर इसका अधिकार नहीं होगा। इससे पहले यानी कि DDC से पहले जम्मू कश्मीर में DDB (District Development Board) होते थे।

इसमें एक कैबिनेट मंत्री होता था तथा एक राज्य मंत्री इसकी अध्यक्षता करता था। इसके अलावा MLA, MLC तथा सांसद इसके सदस्यों के तौर पर शामिल होते थे। DDB के अंतर्गत जो भी विकास कार्य होते थे उसकी Planning और करवाने की जिम्मेदारी District Development Commissioner के हाथ मे होती थी।

मगर अब DDB की जगह DDC ने ले ली है। इसके साथ ही हर DDC में 14 Members भी रहेंगे। जम्मू कश्मीर में 20 जिले हैं, 20 जिलों से 280 प्रतिनिधि चुनकर सामने आएंगे। हर DDC में जिले से विधान सभा के सदस्य, सभी खंड विकास परिषद के अध्यक्ष तथा सीधे निर्वाचित सदस्य शामिल रहेंगे। 

DDC का 20 जिलों में किया जाएगा गठन;-

जम्मू कश्मीर के 20 जिलों में DDC का गठन किया गया है और इसके लिए उम्मीदवारों ने भी पूरी तैयारी कर ली है। वोट पाने के लिए नेताओं ने जोर शोर से चुनाव प्रचार किया है।

हर DDC में 14 निर्वाचित क्षेत्र हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के प्रशासन को सुरक्षा का भी कड़ा इंतज़ाम करना है। जवानों की तैनाती से लेकर उनके रहने, खाने पीने तथा आने जाने का इंतज़ाम भी प्रशासन को ही देखना है। 

उम्मीदवारों के साथ भी होंगे जवान;-

ये तो हम सभी जानते हैं कि जम्मू कश्मीर का माहौल क्या रहता है। इसीलिए जवानों को वहां विशेष तौर पर तैनात किया गया है। जवानों को मतदान केंद्रों, मतदान का सामान लाने ले जाने के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही मतदान में लगाए गए कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भी कड़े प्रतिबंध किये गए हैं।

आपको हम बता दें कि लगातार कश्मीर में नेताओं पर आतंकवादी हमले हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में भाजपा के नेताओं को आतंकियों ने विशेष तौर पर निशाना बनाया है। वहीं इस साल 17 राजनीतिक कार्यकर्ताओं को मारा गया है जिसमें 13 कार्यकर्ता भाजपा के थे। इसी के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा और भी बढ़ा दी गई है। जिस तरह से चुनाव चरणों में होगा उसी तरह से सुरक्षा व्यवस्था का भी इंतजाम बढ़ता जाएगा। 

DDC चुनाव कब से हैं?

सबसे पहले तो हम आपको ये बता दें कि जम्मू कश्मीर में जो चुनाव होने जा रहे हैं वो 8 चरण में पूरे होंगे। इसके साथ ही पंचों और सरपंचों के चुनाव भी होंगे। पंचों और सरपंचों की 13,241 सीटों तथा नगर निगम की 228 खाली सीटों के लिए उपचुनाव करवाए जाएंगे। DDC चुनाव के पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को होगा और आखिरी चरण का मतदान 22 दिसम्बर को करवाया जाएगा।

DDC का रोल क्या है₹?

DDC का गठन जम्मू कश्मीर में 73वें संविधान संसोधन के लागू होने के साथ ही हो गया है। DDC के गठन से सरकार ने पंचायती राज संस्थानों- पंचायत, खंड विकास परिषद और डीडीसी के सभी तीन स्तरों की स्थापना के लिए रास्ते खोल दिए हैं। क्षेत्र के विकास कार्यक्रमों के निर्माण के लिए DDC जिम्मेदार रहेगा। हर DDC में 5 समितियों का गठन किया जाएगा। स्वास्थ्य, वित्त, विकास, सार्वजनिक विकास तथा शिक्षा के लिए एक एक समिति गठित की जाएगी। 

गुपकार गठबंधन की राजनीति;-

शुरुआत में तो गुपकार गठबंधन में शामिल सभी दल इस चुनाव से दूर रहना चाह रहे थे मगर फिर अब गुपकार गठबंधन के सभी दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। शायद उन्हें ये समझ मे आ गया है कि अगर उन्होंने चुनाव में भाग नहीं लिया तो जल्द ही सत्ता से उनका पत्ता साफ हो जाएगा। इसके बाद विधानसभा में भी उन्हें मुंह के बल गिरना पड़ेगा।

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ये थी DDC की पूरी जानकारी। अब बस देखना ये है कि जम्मू कश्मीर में  चुनाव सही से हो पाते हैं या फिर कड़ी सुरक्षा के बावजूद आतंकी अपनी साजिश रचने में कामयाब होंगे।

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