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Court marriage क्या होता है तथा Court में शादी कैसे करें?

Court marriage क्या होता है तथा Court में शादी कैसे करें?

शादी! सभी के जीवन का एक हसीन ख्वाब होता है। कोई कहे चाहे न कहे मगर कहीं न कहीं सभी के दिल मे शादी को लेकर कोई न कोई सपना सजा हुआ होता ही है। इसके अलावा हर व्यक्ति चाहता है कि जो भी उसका जीवनसाथी हो वो उसकी पसंद का हो।

हर कोई अपना जीवनसाथी अपनी पसंद के हिसाब से लाना चाहता है। कभी कभी जीवनसाथी पसंद न होने की वजह से भी तालमेल नहीं बैठ पाता है और फिर आगे चलकर पति पत्नी के रिश्ते में खटास पैदा हो जाती है। 

दोस्तों पहले का वो जमाना चला गया जब बिना चेहरा देखे शादियां हो जाया करती थीं और वो शादियां टिकती भी थीं।

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अब चीज़ें काफी हद तक बदल गयी हैं। अब न वो जमाना है और न ही लोग वैसे हैं।

आजकल लड़कियों को आजादी दे दी गई है। लड़कियां घर मे रोटियां बेलने की जगह Office जा रही हैं।

हर लड़की अपना जीवन आज अपने दम पर जी रही है। ऐसे में उनके भी कुछ सपने होते हैं जैसे जो लड़की बाहर काम करती है वो भी चाहती है कि जो उसका Life partner हो, वो भी उसी की तरह हो। उसके Level को Match up करे। अगर Match न भी करे तो उससे पीछे तो कम से कम न ही रहे। यही सब कारण है कि आज समाज मे Love marriage ज्यादा Popular हो रही है।

हालांकि अभी हम विदेशों में रहने वालों की तरह नहीं हो गए हैं लेकिन काफी हद तक हमने विदेशी Culture को अपना ही लिया है।

अगर बात शादी की करें तो अभी तक शादी को लेकर हम सभी भारतीयों के मन मे यही रहता है कि बच्चे शादी Parents की सहमति से ही करें।

काफी जगहों पर Parents बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी समझते हैं मगर बस Parents कहते ही हैं, वो दिल से खुश होते नहीं है।

हर Indian parent का यही मानना है कि शादी हो तो अपनी जात बिरादरी में हो और बराबर की हैसियत वाले से हो।

मगर दिल पर कहां किसी का जोर है। कब कहां किससे किसको प्यार हो जाए ये भला कौन कह सकता है? ऐसे में आप उसी से ही तो शादी करेंगे जिससे आप प्यार करते हैं? यही कारण है कि Court marriage जैसी चीजें बनीं।

जब परिवार आपका सहमत न हो रहा हो तब आप कुछ लोगों को Victim बनाकर Court में शादी कर लेते हैं। 

इसके अलावा कई बार क्या होता है कि आप लोग ज्यादा हो हल्ला नहीं करना चाहते हैं। अब भाई शादी होगी तो Band बाजा का शोर न हो, ऐसा कहां संभव है? मगर कुछ परिवार होते हैं जो बस खुद ही खुद में और शांति से शादी को निपटा देना चाहते हैं।

तब वो मंदिर में जाकर शादी कर लेते है। कई बार लोग मंदिर में जाकर एकदम Official marriage करते हैं जिसके लिए वो Court का सहारा लेते हैं। 

Court marriage के लिए भी कुछ नियम व शर्तें है। ऐसा नहीं है कि कोई भी आए और शादी करके चला जाए। इसीलिए इसके बारे में आपका जानना बहुत ज़रूरी है।

आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। आज इस Article में हम आप सबको बताएंगे कि Court marriage क्या होता है तथा अगर आप Court में शादी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको क्या करना होगा। चलिए फिर जानना शुरू करते हैं।

Court marriage क्या होता है?

इसको आप बहुत ही आसानी से समझ सकते हैं। अगर Simple language में कहें तो ये एक ऐसी Marriage होती है जिसमें ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है और न ही कोई परंपरागत समारोह को Organize किया जाता है।

इसमें कुछ Officers के सामने दो लोगों के बीच शादी को संपन्न कराया जाता है। जितने भी Court marriages होते हैं वो सारे विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत ही संपन्न होते हैं।

अब ये सवाल दिमाग मे आना लाज़मी है कि क्या इस शादी में कोई विशेष धर्म को मान्यता दी जाती है या फिर किस उम्र के लोगों के लिए ये व्यवस्था की गई है? तो इसके लिए हम आपको बता दें कि इस तरह की शादी को कोई भी धर्म का व्यक्ति फिर चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हो या ईसाई, जैन हो या बुद्ध, हर कोई कर सकता है।

इसके तहत हर धर्म के लोगों को शादी करने के लिए मान्यता दी गई है। ये किसी भी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के युवक युवती के बीच हो जाती है।

इसमें बस एक शर्त यही है कि दोनों व्यक्ति जो शादी कर रहे हैं वो बालिग होने चाहिए। इसके अलावा कोई भी विदेशी और भारतीय के बीच भी Court marriage हो सकती है।

इसके अलावा ये बात भी ध्यान रखने योग्य है कि पूरे देश मे इस तरह की शादी के लिए एक ही Process को Follow किया जाता है।

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Court marriage करने के लिए क्या शर्तें हैं?

चलिए अब जानते हैं कि इसके लिए क्या नियम व शर्तें हैं। इसके लिए दोस्तों निम्न शर्तें हैं –

◆ Valid agreement – इसमें ये सबसे ज्यादा जरूरी होता है। दो लोग जो शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं, उन दोनों का सहमत होना ज़रूरी है। सहमत ही नहीं बल्कि Self agreement होना चाहिए। यानी कि स्वेच्छा से विवाह।

अगर दोनों स्वेच्छा से शादी करना चाहते हैं तो फिर वो Court में जाकर Officers के सामने शादी की सारी Formalities पूरी कर सकते हैं।

◆ Past में कोई भी शादी न हुई हो – Past में कोई भी शादी से यहां हमारा मतलब है कि शादी करने वाले किसी भी व्यक्ति की अगर पहले शादी हुई है तो उससे उसका कोई सम्बन्ध नहीं होना चाहिए। पूर्व का विवाह अवैध होना चाहिए तभी आप Court में शादी करने के योग्य होंगे।

◆ Age – Court में शादी करने के एक शर्त Age को लेकर भी है। इसके लिए ज़रूरी है कि लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए और वहीं लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम किसी की भी उम्र नहीं होनी चाहिए।

◆ निषिद्ध सम्बन्ध – इसमें Schedule 1 के अनुसार दोनों ही पक्षों को निषिद्ध सम्बन्धों की सीमा से बाहर रहना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा अगर किसी भी एक धर्म की परम्पराओं में इसकी अनुमति होती है तो भी के शादी Valid होती है।

◆ संतानोत्पत्ति योग्य – लड़का और लड़की दोनों ही शारीरिक तौर पर संतानोत्पत्ति के योग्य होने चाहिए।

Court marriage के लिए क्या Process है?

Court marriage करने के लिए आपको निम्न Steps को Follow करना है –

◆ Step 1 – अगर आप इसको करना चाहें तो इसके लिए आपको सबसे पहले जिले के विवाह अधिकारी को Inform करना होगा। जो भी आप Information देते हैं वो दोनों पक्षों के द्वारा Written में होनी चाहिए।

जहां भी आप Information दे रहे हैं वहां आप Inform करने की Date से लेकर कम से कम एक महीने तक उसी शहर में निवास करें।

दोनों पक्षों में से कोई एक पक्ष भी ऐसा करेगा तो भी मान्य होगा। इसको आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं।

मान लीजिए कि लड़का और लड़की जिन्हें शादी करनी है वो प्रयागराज में रहते हैं तथा वो शादी करने के लिए Written information दिल्ली में देते हैं।

ऐसे में लड़के और लड़की दोनों में से किसी एक को Information देने की तारीख से कम से कम एक महीने तक दिल्ली में ही रहना होगा।

Information का जो स्वरूप होगा वो अनुसूची 2 के नियमों के अनुसार होना चाहिए। इसके साथ आपको अपना Domicile certificate तथा Income certificate भी Attach करना होगा।

◆ Step 2 – आप शादी के लिए जिस विवाह अधिकारी को Inform करते हैं, वही आपकी Information को प्रकाशित भी करता है।

Information की एक Copy कार्यालय के एक विशेष स्थान पर और दूसरी Copy वहां के कार्यालय में प्रकाशित की जाती है, जहां पर दोनों पक्ष निवास कर रहे हों।

◆ Step 3 – अगर किसी भी व्यक्ति को विवाह में आपत्ति होती है तो वो अध्याय 2 अधिनियम के अनुभाग 4 में सूचीबद्ध के आधार पर आपत्तियों को सम्बंधित जिले के विवाह अधिकारी के सामने प्रस्तुत कर सकता है।

फिर इन आपत्तियों की जांच की जाती है। जब आप आपत्ति दर्ज करवाते है, उसके बाद 30 दिनों के अंदर ही विवाह अधिकारी के द्वारा इसकी जांच पड़ताल करना बेहद आवश्यक है।

अगर In case जो आप ने आपत्ति दर्ज कराई है वो सही पाई जाती है तो उस Case में आपका विवाह संपन्न नहीं करवाया जाता है।

इसके अलावा आपत्ति दर्ज होने के 30 दिनों के अंदर ही दोनों में से किसी भी पक्ष द्वारा अपील  दर्ज की जा सकती है।

ये जो अपील दर्ज होती है, ये आपके स्थानीय जिला न्यायालय में विवाह अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में दर्ज की जा सकती है।

◆ Step 4 – इसके बाद दोनों पक्ष तथा 3 Victim विवाह अधिकारी के सामने प्रस्तुत होते हैं और घोषणा पत्र पर Signature करते हैं। इसके साथ ही विवाह अधिकारी भी घोषणा पत्र पर Signature करता है। जो भी घोषणा पत्र का प्रारूप होता है वो अधिनियम के अनुसूची 3 में बताया गया है।

◆ Step 5 – ये जो Court marriage होती है ये किसी भी शादी विवाह अधिकारी के Office में या फिर किसी भी उचित दूरी के अंतर्गत संपन्न कराई जा सकती है।

Court marriage के ज़रूरी Documents कौन से हैं?

अगर आप Court में शादी करने जा रहे हैं तो इसके लिए कुछ Documents का होना बहुत ज़रूरी है जो कि निम्न हैं-

◆ Age certificate या फिर 10th की Marksheet

◆ वर या वधु में से किसी का भी किसी और के साथ कोई भी अवैध संबंध नही है, इसका भी एक शपथ पत्र देना होता है।

◆ पूरी तरह से ठीक प्रकार से Filled आवेदन पत्र, इसके साथ ही आपको आवेदन का शुल्क भी देना होगा।

◆ वर वधु दोनों के 4 फोटो।

◆ जो भी आपके 3 Victim होंगे, उनके तीनों के PAN card और फोटो।

◆ आपकी ID के तौर पर आधार कार्ड या फिर Driving license होना चाहिए।

◆ विधवा के मामले में पहले Life partner का Death certificate

◆ तलाकशुदा के मामले में तलाक के Papers

Court marriage के लिए Fees का क्या प्रावधान है?

विवाह को संपन्न कराने के लिए आपको कम से कम 3 Victim तो चाहिए ही। शादी के लिए Registration का जो Process होता है वो काफी लंबा होता है।

इसी के साथ ही अलग अलग स्थानों पर इसको लेकर अलग अलग प्रावधान है। इसीलिए हर जगह पर इसके लिए अलग अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं।

वैसे अगर Basically बात करें तो इसके लिए न्यूनतम Fees 1000 रुपये है। लेकिन इसके अलावा बहुत सारी Formalities होती है जैसे वकील तथा कागजी कार्यवाही। इन सबको मिलाकर करीब 10 से 20 हज़ार तक का खर्चा आ जाता है।

Court marriage ज्यादातर कौन से लोग करते हैं?

अभी तक अगर देखा जाए तो ज्यादातर अलग धर्म के जो लोग होते हैं वो इस तरह से शादी करने का रास्ता खोजते हैं।

विपरीत धर्म मे अक्सर मां बाप शादी करने की इजाजत नहीं देते हैं। ऐसे में लोगों को भागकर Court में शादी करनी पड़ती है।

धर्म के अलावा भी कई बार जब माता पिता बच्चों की शादी के लिए नहीं मानते हैं तो वो भी इस कि शरण ले लेते हैं। बाकी Court में लोग जब दूसरी शादियां करते हैं तो जाते हैं।

दूसरी शादी में लोगों को ज्यादा शोर शराबा नहीं करना होता है जिसकी वजह से वो शांति से Court में 2 से 3 लोगों के बीच विवाह को संपन्न करवा लेते हैं।

जिन लोगों के पास इतना Budget नहीं होता कि शादी जैसी बड़ी चीज को Organize कर सके, या जो लोग परम्परागत तरीके से शादी को नहीं करना चाहते हैं, अक्सर वो लोग भी इस विवाह को करते हुए पाए गए हैं।

Court marriage के तुरंत बाद क्या तलाक की अर्जी दी जा सकती है?

दोस्तो अगर आप Court marriage करते हैं तो उसके तुरंत बाद आप तलाक के लिए अर्जी नहीं दे सकते हैं। तलाक के लिए अर्जी न देने के निम्न कारण हैं –

◆ दोस्तों शादी के एक साल करने के बाद तक आप तलाक नहीं ले सकते हैं। ये नियम दोनों पक्ष के लिए लागू होगा। फिर चाहे लड़का हो या लड़की, आप एक साल की समय सीमा पूरी होने तक Court में याचिका नहीं दायर कर सकते हैं।

◆ लेकिन फिर भी अगर Court को ये लगता है कि जिसने याचिका दायर की है उसने असाधारण कठिनाइयों का सामना किया है या फिर प्रतिवादी की ओर से असाधारण भ्रष्टता दिखाई गई है तो भी याचिका को Continue रखा जा सकता है। 

◆ इसके अलावा अगर Court को ये लगता है कि प्रतिवादी ने तलाक की याचिका को दर्ज कराने के लिए Court को भ्रमित करने की कोशिश की है, तो इसके बाद धारा 29 के तहत Court 1 वर्ष की अवधि पूरी होने तक ही प्रभावी होने का आदेश देती है।

Court marriage करने पर सरकार की तरफ से क्या कोई प्रोत्साहन राशि दी जाती है?

इसका जवाब दोस्तों हां है। जब कोई लड़का या लड़की अंतरजातीय विवाह करते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ से 2,50,000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए जाते हैं।

क्या Court marriage के लिए Online आवेदन किया जा सकता है?

दोस्तों अब आप सबके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि क्या आप इसके लिए Online आवेदन कर सकते हैं।

आजकल जब हर काम Online हो रहे हैं तो ऐसे में आप क्या इसके Online आवेदन कर सकते हैं? तो दोस्तों इसका जवाब है नहीं।

अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसके अंतर्गत आप Court marriage के लिए Online आवेदन कर सकते हों। इसके लिए आपको जिला कचहरी में 3 Victims के साथ ही उपस्थित होना पड़ता है।

दोस्तों तो ये थी Court marriage से जुड़ी सारी जानकारी। अब आप सब समझ ही गए होंगे कि इस तरह की शादियां किस तरह से संपन्न होती हैं और कौन से लोग होते हैं जो इस तरह की शादियां करते हैं।

Court marriage करने के लिए आपको ज्यादा झंझट नहीं करना होता है। बस 3 Victim को इकट्ठा करिए और लीजिए हो गयी शादी सम्बंध।

मगर हां एम चीज़ पर ज़रूर गौर फरमाइयेगा कि जब भी कोई इस तरह की शादी करे तो वो बहुत सोच समझकर ही ऐसा करने का निर्णय ले क्योंकि अगर एक बार Court में आपकी शादी हो जाती है तो फिर एक साल तक आपको उस शादी को निभाना ही पड़ता है।

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