Electric vehicle क्या है? पेट्रोल और डीजल के तो क्या ही कहने! अभी तक तो बस आप सब इसीलिए दुखी थे क्योंकि सब्ज़ी, दाल, आटे के भाव आपको ज्यादा लग रहे थे। फिर पेट्रोल और डीज़ल के दामों में ऐसी उछाल आई कि इनके Rate का मीटर तो 100 के भी पार चला गया। यहां व्यक्ति को अपनी गाड़ी को 100 के पार भगाने के लिए भी 10 बार सोचना पड़ता है मगर इस पेट्रोल और डीज़ल ने तो एक बार भी न सोचा और आम इंसान के कलेजे को जलाकर अपने Rate के मीटर को 100 से भी आगे बढ़ा दिया। उसके बाद हर कोई बस यही गाता हुआ नजर आ रहा था, ‘महंगाई डाइन खाए जात है!’
इनकी कीमतों में इतनी तीव्र वृद्धि पहले शायद ही कभी देखी गई थी। जब पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़े तो जाहिर सी बात है कि Travel cost भी बढ़ ही जाएगी।
अगर इंसान अपने खुद के वाहन से नहीं भी सफर करेगा तब भी उसको दुगुने पैसे तो देने ही होंगे। वहीं जिन लोगों के पास खुद के वाहन हैं, वो भी यह सोचने पर मजबूर हो गए थे कि क्यों न घर के बाहर खड़ी गाड़ी को बेचकर सबके लिए साइकिल ले ली जाये! वैसे ये सोचना गलत भी न होता।
लेकिन दोस्त, गाड़ी से साइकिल पर क्यों ही आना? अब तो Smart दुनिया हो गई है।
आजकल बाजारों में Electric vehicles आ गए हैं। जी हां दोस्तों सही सुना आपने Electric vehicles, इनमें न तो आपको पेट्रोल चाहिए और न ही डीज़ल। ये जो वाहन होंगे ये बैटरी से चलने वाले होंगे। इनमें करना क्या होगा कि आपको बस एक बार बैटरी को Charge करना होगा। एक बार बैटरी Full तो आपकी गाड़ी बस चलेगी ही नहीं बल्कि सड़कों पर दनदना के दौड़ेगी। अब इसके बाद सभी के मन में बहुत सारे सवालों ने उथल पुथल मचाना शुरू कर दिया होगा कि ये वाहन तो बहुत महंगे होंगे, आम इंसान कैसे इन वाहनों को Purchase करेंगे, या फिर बीच सफर में ही अगर Battery discharge हो गई तो क्या करेंगे? तो दोस्त ज़रा ठहरिए! आखिर हम किसलिए हैं?
आज हम आपके Electric vehicle से जुड़े सारे सवालों को दूर करेंगे। ये Post हम खास आप सभी के लिए लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि इलेक्ट्रिक वाहन आखिर होते क्या हैं और इनसे जुड़ी हर बात आपको इस Content में मिलने वाली है। तो फिर इसको अंत तक Read करिए।
Electric vehicle क्या होता है?
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जो भी Electric vehicles या फिर Electric कारें होती हैं उन्हें EV के नाम से जाना जाता है। इस तरह के वाहनों से सीधा सा मतलब होता है ऐसे वाहनों से जो पेट्रोल डीज़ल से न चलकर, बैटरी या फिर किसी अन्य Outer source की बिजली से चलते हैं। अभी हमने एक शब्द बैटरी का इस्तेमाल किया, मगर दोस्तों ये आवश्यक नहीं है कि हमेशा इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल होने वाला Source बैटरी ही हो।
आजकल Market में कई सारे ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन मौजूद हैं जिनके Power source उनके अंदर लगी Motor होती है और ये Motor किसी अन्य Source से Power लेने का काम करती है।
इनमें एक खास बात यह भी होती है कि ये जो वाहन होते हैं ये Fuels से चलने वाले वाहन की तुलना में कम Pollution करते हैं। इसका ये मतलब हुआ कि ये काफी हद तक Eco-friendly होते हैं। इन वाहनों को इस्तेमाल करने से सबसे ज्यादा लाभ यह होगा कि इससे देश आत्मनिर्भर बनेगा। दूसरे देशों से Import होने वाले Fuels में कमी आएगी और इससे देश की जो Economy होगी, वो Grow करेगी।
इन वाहनों को पहली बार 19वीं सदी के मध्य में अस्तित्व में लाया गया था। हमेशा से ही विद्युत से चलने वाले वाहनों को Fuels से चलने वाले वाहनों की तुलना में ज्यादा बेहतर माना गया है। उस समय इतने ज्यादा Resource आदि मौजूद नहीं थे जिसकी वजह से इनका Development वहीं पर रोक दिया गया और इन Vehicles को लाया ही नहीं गया।
आज जब Fuels के दाम सबके आसमान पर चढ़ रहे हैं तो इन्हें लाना बेहद ज़रूरी हो गया था। ये सच में काफी बेहतर हैं।
Electric vehicles के Types क्या क्या हैं?
अभी हमने जाना कि ये होते क्या हैं, चलिए अब जानते हैं कि ये कितने Types के होते हैं। ये मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न है –
◆ Battery electric vehicle (BEVs)– इन वाहनों को BEV या फिर Plug in EV के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल ये जो वाहन होते हैं ये Fully electrical होते हैं। इनको आप सिर्फ बैटरी से Charge करने के बाद ही चला सकते हैं।
अगर आप चाहें कि किसी अन्य Gasoline engine को इसमें इस्तेमाल कर लें तो ऐसा संभव नहीं है। आप किसी भी दूसरे Gasoline engine को इसमें इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
इसमें जो पहले से लगे Engines होते हैं उन्हें Outer source की मदद से Charge किया जाता है और ये किसी भी तरह का कोई भी Harmful उत्सर्जन नहीं करते हैं। इनको Re generative breaking के जरिए भी Charge किया जा सकता है। कार, ट्रेन, मोटरसाइकिल, ट्रक, स्कूटर आदि ऐसे कई सारे वाहन हैं जिनमें अब आपको Battery electric vehicle का प्रकार देखने को मिल जाएगा।
◆ Plug in hybrid electric vehicle (PHEV) – इस तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों को Extend range electric vehicle के नाम से भी जाना जाता है। ये ऐसे वाहन होते हैं जिन्हें Battery और Fuels दोनों से ही ऊर्जा प्राप्त होती है।
ये एक विशेष तरह के Hybrid वाहन होते हैं। इनमें एक Electric motor को और एक Gasoline engine या फिर कह लीजिए डीजल इंजन को, एक बड़ी सी बैटरी से जोड़ा जाता है। इनको यूं ही नहीं Charge कर लिया जाता है। इन्हें Plug की मदद से इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन में Charge किया जाता है।
ये जो Vehicles होते हैं, इन्हें 2 Mode में चलाया जा सकता है। पहला Mode all electric mode होता है इसमें बैटरी और जो Motor होते हैं वो वाहन को ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं।
जो दूसरा Mode होता है, वो Hybrid होता है। इसमें विद्युत और Gasoline दोनों एक साथ में ही काम करते हैं। इनको आप Re-generative breaking और Pluging in की मदद से External electric charging outlet से भी चार्ज कर सकते हैं। वहीं जब इनकी Charging कम होने लगती है तब पेट्रोल इनकी मदद करता है और इन्हें दोबारा से चार्ज कर देता है तथा इनकी Range को बढ़ा देता है। ऐसे वाहन काफी महंगे आते हैं। इनकी शुरुआत लाख से होकर के करोड़ों तक जाती है।
◆ Hybrid electric vehicles (HEV) – ये इलेक्ट्रिक वाहन बिजली और Gasoline की मदद से काम करते हैं। इसमें जो बैटरी होती है उसको Charge करने के लिए वाहन के खुद के Breaking system से इलेक्ट्रिक Power को Generate किया जाता है। इसी Process को ही Re generative breaking के नाम से जाना जाता है।
आप किसी भी External या Outer source की मदद से इसमें लगी बैटरी को Charge नहीं कर सकते हैं। इसकी जो बैटरी होती है वो कार के Breaking system के द्वारा ही दोबारा Recharge होती है।
इसमें Electricmotor vehicle को Slow करने में इस्तेमाल होने वाली Energy और Brake के जरिये Heat में Convert होने वाली Energy का भी इस्तेमाल किया जाता है।
Electric vehicle को इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं?
जिस तरह से Fuel से चलने वाले वाहनों के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। ठीक वैसे ही इलेक्ट्रिक वाहनों में भी नुकसान और फायदे दोनों होते हैं। चलिए फिर एक नज़र डाल लेते हैं इन वाहनों से होने वाले फायदों पर-
◆ इससे Noise pollution से छुट्टी मिल सकती है। इसमें किसी भी तरह का कोई शोर शराबा नहीं होता है। इसको Start करने पर आपको पता भी नहीं चलेगा कि ये Start हो गए।
◆ इनकी सबसे खास बात यह होती है कि ये Eco friendly होते हैं। इनसे हमारे पर्यावरण को किसी भी तरह की कोई हानि नहीं होती है क्योंकि इन वाहनों से किसी भी तरह का कोई उत्सर्जन नहीं होता है।
◆ जो Fuel vehicle होते हैं उनको Quick मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है मगर ये Fuel से तो चलते हैं नहीं इसीलिए इनमें आपको जल्दी जल्दी मेंटेनेंस नहीं करवाना पड़ता है।
◆ ऐसा ज़रूरी नहीं है कि Electric vehicle को Charge करने के लिए आपको Charging station पर ही जाना होगा। आप चाहें तो इन्हें अपने घर मे भी Charge कर सकते हैं।
◆ अगर देखा जाए तो इसको Charge करने के लिए जो बिजली को Cost होती है वो Fuel की जो Cost होती है उससे कम से कम 25 प्रतिशत तक कम होती है।
अगर आप इसे Charging station पर न ले जाकर घर में ही Charge कर लेते हैं तो ये Cost 33 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसका ये मतलब हुआ कि ये Vehicles pocket friendly भी होते हैं।
Electric vehicle से होने वाले नुकसान क्या हैं?
जिस तरह से हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह से इसके भी हैं।जहां एक तरफ इससे फायदा है तो दूसरी तरफ इससे काफी सारे नुकसान भी हैं जैसे कि-
◆ Electric vehicles को अगर Gasoline vehicles से Compare किया जाए तो हम ये देखेंगे कि ये उनकी तुलना में काफी ज्यादा महंगे होते हैं। हालांकि इस समय इनको बढ़ावा देने के लिए काफी सारे Discounts भी ओफ्फिकेस किये जा रहे हैं। बावजूद उसके ये काफी महंगे हैं।
◆ इनसे आप एक Long distance के सपने नहीं देख सकते हैं। अगर आप इनको विधिवत Full charge करते हैं तो ये ज्यादा से ज्यादा 60 से 100 किलोमीटर तक ही दूरी तय करते हैं। उससे ज्यादा अगर आप इनसे जाना चाहेंगे तो इनकी टाय टाय फिस हो जाएगी और आपको इन्हें फिर से Charge करना पड़ेगा।
◆ आप इन्हें घर पे तो Charge कर ही सकते हैं मगर अगर आप किसी Long distance पर जा रहे हैं तो आपको इन्हें Charging station में Charge करना होगा और अभी ये Station काफी कम हैं। जिसकी वजह से भी दिक्कत आ सकती है।
◆ एक नुकसान इन से ये भी है कि ये आपके मोबाइल की तरह Quick charge नहीं होते हैं। ये काफी ज्यादा समय लगाते हैं Charge होने में। एक कार को Full charge करने के लिए कम से कम 4 घण्टे तो चाहिए ही होते हैं।
दोस्तों तो ये थी Electric vehicle से जुड़ी सारी जानकारी। अब आप सब समझ ही गए होंगे कि ये क्या होते हैं।
अब इस महंगाई भरे जमाने में बेहतर यही होगा कि आप Fuel vehicles पर न निर्भर रहें और इलेक्टिक वाहनों पर Switch करें। इनको आपको आए दिन Maintain भी नहीं करवाना पड़ता है और न ही घर से जेब में Fuel खत्म होने के डर से पैसे ज्यादा लेकर निकलना पड़ता है।
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