दोस्तों क्या आप जानते है कि प्रधानमंत्री स्कीमो में से एक बहुत ही पॉप्युलर स्कीम है – आयुष्मान भारत योजना। आइये डिटेल्स में जानते है कि आयुष्मान भारत योजना क्या है, आयुष्मान भारत योजना का लाभ कैसे लें ?
आयुष्मान भारत योजना क्या है ?
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आयुष्मान भारत योजना एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। ये योजना गरीबों को करीबन 5 लाख रुपये तक का बीमा प्रदान करती है।
इस योजना का लाभ करीबन 10 करोड़ गरीब और कमज़ोर परिवारों को मिल सकेगा। 10 करोड़ परिवार मतलब करीबन 50,000 लाभार्थी।
इसमें माध्यमिक या तृतीयक अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्चे सम्मिलित हैं।
इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले के और बाद के दोनों ही प्ररकार के खर्चे सम्मिलित होंगे।
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को किसी प्रकार का प्रीमियर भुगतान नहीं करना होता।
इस योजना से जोड़े गए सभी अस्पतालों में ‘आयुष्मान मित्र’ होंगे, जो की लाभार्थियों से संपर्क करने और उन्हें हर प्रकार की मदद देंगे।
हर हॉस्पिटल में एक हेल्प डेस्क भी होगी जो की आयुष्मान योजना से सम्बंधित सहायता प्रदान करेगी और सम्बंधित कार्य करेगी।
जैसे योग्यता की जांच करना, दस्तावेजों की प्रमाणिकता की जांच करना, नामांकन भरना आदि।
यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और वरिष्ठ नागरिक स्वाथ्य बीमा योजना का ही एक भाग है।
आइये जानते हैं इस आयुष्मान भारत योजना की कुछ मुख्य विशेषताओं के बारे में।
आयुष्मान भारत योजना की प्रमुख विशेषताएं:
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- आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को हर साल करीबन 5 लाख रूपए का सुरक्षा कवर मिलेगा।
- इस योजना का लाभ पूरे देश में कहीं भी लिया जा सकता है। स्थान के चुनाव पर कोई भी रोक नहीं है। कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी अस्पताल (जो की योजना में शामिल हो) में भर्ती हो सकता है और ‘कैशलेस’ (बिन पैसे) होस्पिटलाइज़ेशन का लाभ उठा सकता है।
- आयुष्मान भारत योजना सहकारी संघवाद पर आधारित हैं जिसमें राज्यों की सीमा की कोई पाबंदी नहीं है।
- आयुष्मान भारत योजना एक पात्रता आधारित योजना है। इस योजना में वंचित मानदंडों के आधार पर चुनाव होता है। ये वंचित मानदंड SECC डेटाबेस में सम्मिलित किये गए हैं।
- इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी ना केवल सरकारी अस्पतालों का लाभ ले सकते हैं बल्कि सरकार द्वारा चयनित और सूचित किये गए निजी अस्पतालों से भी लाभ ले सकते हैं।
- लागत को नियंत्रित करने के लिए, उपचार के लिए पैकेज दरों पर भुगतान किया जाएगा और पैकेज की रेट भी सरकार ही तय करेगी।
- नीति से जुड़े निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए तथा केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वयन के लिए सर्वोच्च स्तर पर आयुष्मान भारत – राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन परिषद की स्थापना की गयी है। यह परिषद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य के लिए बाध्य होगी।
- योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी की मदद लेनी होगी।
- इस योजना में ज्यादा से ज्यादा औरतों और बच्चों को शामिल करने की कोशिश की गयी है।
- ये सुनिश्चित करने के लिए की समय पर धन राशि केंद्रीय स्तर से SHA (राज्य स्वास्थ्य एजेंसी) पहुँच सके एक एस्क्रो खाते की स्थापना की गयी है, जिसके द्वारा एकदम आसानी से और सीधे अकाउंट में पैसा हस्तांतरित किया जा सकता है।
- यह सुनिश्चित किया गया है कि नीति आयोग के साथ मिलकर एक ऐसा IT प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया जाएगा जो की मजबूत, इंटरऑपरेबल, स्केलेबल और मोड्यूलर हो, तथा जो पेपरलेस और कैशलेस ट्रांज़ेक्शन की आवश्यकता को भलीभाँति पूरा करता हो। ऐसा होने पर योजना से जुड़े भुगतान की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो जायेगी।
जैसा की हमने पहले ही कहा की इस योजना के अंतर्गत भारत के करीबन 10 करोड़ परिवार सम्मिलित किये गए हैं। क्या आप जानना चाहेंगे की आप इस योजना लाभ कैसे लें?
आइये जानते हैं की आखिर कौन-कौन ले सकता है आयुष्मान भारत योजना योजना का लाभ।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ कैसे लें ?
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का चयन पहले ही सरकार द्वारा कर लिया गया है।
लाभार्थियों का चयन उनकी गरीबी के स्तर और सुविधाओं की वंचना के आधार पर किया गया है।
असल में, लाभार्थियों के चुनाव के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic Caste Census), 2011 के आंकड़ों का प्रयोग किया गया है।
अगर आप कुछ विशेष मानदंडों के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं की किन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर इसका निर्धारण किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में:
- वो परिवार जो केवल एक कमरे में रह रहे हैं और जिनके घर की दीवारें और छत कच्ची हैं।
- ऐसे परिवार जिनमें कोई बुज़ुर्ग नहीं है और जिनकी आयु 16 से 59 वर्ष के बीच है।
- ऐसे परिवार जिनकी मुखिया एक औरत है और जिसमे कोई बड़ी उम्र का आदमी नहीं है और जिसकी आयु 16 से 59 वर्ष के बीच है।
- ऐसे परिवार जिसमें कम से कम एक नि:शक्त जन है या फिर जिस परिवार में कोई एक भी पूर्ण रूप से स्वस्थ और सक्षम व्यक्ति नहीं है।
- SC/ST परिवार के गरीब लोग।
- ऐसे परिवार जिनका अपना कोई घर नहीं है और जो जीने के लिए केवल रोज़ की मेहनत मजदूरी पर आश्रित हैं।
- ऐसी औरतें जिन्हें उनके पतियों ने छोड़ दिया है या जो दूसरों की कृपा पर पल रही हैं।
- मेहतरों के परिवार।
- आदिवासी झुण्ड।
- बंधुआ मजदूर जो कानूनी रूप से रिहा किये जा चुके हैं।
शहरी क्षेत्रों में:
- कचरा उठाने वाले।
- भीख मांगने वाले।
- लोगों के घर पे छोटे मोटे काम करने वाले।
- सड़क पे रेड़ी लगाने वाले, अख़बार बेचने वाले और जूता ठीक करने वाले।
- मजदूर, लकड़ी मिस्त्री, क्ष्रमिक, वेल्डर, सुरक्षा गार्ड, कुली आदि।
- स्वच्छता कार्यकर्ता/ माली।
- कारीगर, दर्जी या हस्तशिल्प कार्यकर्ता।
- ड्राइवर/कंडक्टर/परिवहन चालक।
- रिक्शा चालाक।
- गाडी खींचने वाला।
- छोटे प्रतिष्ठानों में सहायक।
- वेटर।
- मेकैनिक/असेम्बलर/इलेक्ट्रीशियन।
- चौकीदार/वाशरमैन।
इस योजना के लिए खर्च कहाँ से आएगा?
- आयुष्मान भारत योजना की लागत राज्य और केंद्र सरकारें दोनों ही आपस में बांटने के लिए बाध्य होंगे।
- केंद्र सरकार एस्क्रो अकाउंट के ज़रिये राज्य सरकार को सीधे धन राशि भेज रही है।
- आयुष्मान भारत की अनुमानित लागत 12 हज़ार करोड़ रूपए है।
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