आज के समय मे Internet की क्या अहमियत है ये तो आप सब बहुत अच्छे से जानते ही हैं। एक बार को आप खाना खाना भूल सकते हैं मगर Data on करना कभी नहीं भूलते हैं।
अगर किसी से Internet बंद करने की बात आपने गलती से कर भी दी तो आप पहले से ही उस व्यक्ति के हमलों को झेलने के लिए तैयार रहिएगा।
वैसे दोस्तों, Internet ने हम सबकी ज़िंदगी को काफी आसान तो बना दिया है, इसमें कोई शक नहीं है।
Shopping, games, fun study, bill payment सब कुछ आपके Internet के बदौलत ही तो है।
एक बार आपको याद है कि नोटबंदी की तरह नेटबंदी भी हुई थी जब CAA कानून का विरोध चल रहा था।
उस समय जब 2 से 3 दिनों के लिए लोगों का Internet बंद हुआ था तो मानो उन पर दुखों का पहाड़ ही टूट गया था।
Internet जिसका इस्तेमाल हम बड़ी ही आसानी से करते हैं न वो यूं ही नहीं बना है। Internet से जुड़े सैंकड़ों ऐसे Objects हैं जिनके बारे में शायद ही हम लोग जानते होंगे।
कुछ कुछ चीज़ें तो हम सभी जानते हैं जैसे Modem, ये आपके Computer को Internet से जोड़ता है।
बहुत सारो चीज़ें Networking और Internet connectivity से जुड़ी हुई हैं जिनसे हम आप अभी तक बिल्कुल भी परिचित नहीं है।
एक शब्द है Router, हो सकता हो आपने इससे पहले भी इसके बारे में सुना हो। आजकल इसका बहुत तेज़ी से इस्तीफा हो रहा है।
हम आपको आज इसी Router के बारे में ही बताने जा रहे हैं कि आखिर ये है क्या और ये काम किस तरह से करता है। आइए फिर इस Article में जानते हैं इसके बारे में।
Router क्या है?
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ये एक तरह के छोटे से Electronic device होते हैं।
इनका काम होता है Wired या Wireless connection के माध्यम से कई Computer network को आपस में Connect करना।
दूसरी भाषा मे कहें तो ये एक Computer network को दूसरे Computer network से Connect करता है या फिर एक Computer network को Internet से Connect करता है।
आपके लिए इसको समझना थोड़ा मुश्किल होगा। आइए हम आपको इसे एक Example के माध्यम से समझाते हैं।
आपने Delivery boy को तो देखा ही होगा। वो एक Router के तौर पर ही काम करते हैं।
सबसे पहले Courier office में आपका Parcel receive किया जाता है। उस Parcel पर उसका Address भी दिया रहता है जिसने उसको मंगवाया होता है।
ऐसे में Delivery boy Parcel पर पहले Address को देखता है और फिर वो Decide करता है कि कौन सा Parcel किस Location में और किसको Deliver करना है।
इसके बाद Courier boy जो कि एक Router है वो Parcel को लेकर Receiver तक पहुंच जाता है।
बस बिल्कुल ऐसे ही Delivery boy की तरह ही Router भी काम करता है। जैसे अभी Example में हमने Parcel को देखा न, उसी तरह से इसमें Data packets होते हैं।
फिर जैसे Delivery boy address को खोजता है, उसी तरह से Router भी Routing table के माध्यम से Address को खोजता है और उसके बाद उस तक पहुंचने के लिए सबसे छोटा रास्ता खोजता है।
फिर क्या फिर ये Receiver तक इन Data packets को पहुंचा देता है। जैसे Delivery boy के पास दोस्तों एक Address की List होती है न उसी तरह से Routing table में भी ढेर सारी Details भरी हुई होती हैं।
Routing table बहुत सारे Rules से मिलकर बनता है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है ये एक Table के Form में होता है। ये यह निर्धारण करता है कि Packet को किस जगह पर भेजा जाएगा।
Router एक Hardware networking device होता है और इसका इस्तेमाल Networking में ही किया जाता है।
कई बार इसको आप घरों में भी इस्तेमाल करते हैं और तब इसे आप Wireless router कहते हैं।
इससे आप आसानी से Internet access कर पाते हैं। ये Device hardware तथा software से बना होता है।
इसमें एक Internet work operating system, memory storage और CPU रहता है।
इसकी Storage memory में Routing table और Routing algorithm को Store किया जाता है।
इसी Algorithm और Routing table की वजह से ये पता लग पाता है कि Input packet receive हुआ है।
इसके बाद Analyze के जरिए ये पता लगाया जाता है कि उस Packet को किसके पास भेजना है।
इसे भी जानें :
◆ राउटर
◆ नेटवर्क में विस्तार के लिए Router को दूसरे राऊटर से जोड़ें
Router के Types;-
ये कई Type के होते हैं मगर जिनका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है यहां आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे।
◆ Broadband router (Wired router) –
इस तरह के Routers का इस्तेमाल 2 या 2 से अधिक Computer network को आपस मे जोड़ने के लिए किया जाता है।
इसका इस्तेमाल Computer network को Internet से जोड़ने के लिए भी किया जाता है।
◆ Edge routers –
ये ऐसे Routers होते हैं जो बाहरी Protocol के बीच सामंजस्य स्थापित करने में आपकी मदद करते हैं।
◆ Core routers –
जैसे एक कम्पनी है तो उस कम्पनी में अलग अलग कई Routers होते हैं जो अलग अलग जहां से Connected होते हैं।
ऐसे में Core routers कम्पनी के सारे Routers को आपस मे जोड़ने का काम करते हैं।
ये LAN Network के Backbone की तरह काम करते हैं।
◆ Inter provider border router –
ISPs को आपस मे जोड़ने के लिए इस तरह के Router का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे Vodafone को Jio के साथ, Airtel को Reliance के साथ आदि।
◆ Wireless router –
इन्हीं का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। इनको आप अक्सर School, office, colleges, आदि जगहों पर देख ही लेते हैं।
कुछ लोग घरों में भी Wireless router का इस्तेमाल करते हैं।
Router कैसे काम करता है?
इनका काम ये होता है कि इन्हें पहले Data packet को Receive करना होता है और उसके बाद उन Packets को Destination यानी उनके Receiver तक पहुंचाना होता है।
जो भी कोई Information होती है वो पहले Packets में Convert हो जाती है।
जैसे आप अगर कोई Message किसी को भेजते हैं तो वो पहले Packet में Convert होता है।
उसके बाद Routing table उस Packet को Receiver तक पहुंचाने के लिए सबसे छोटा रास्ता Search करता है।
उसके बाद वो इस Packet को उस Router को देता है जो उसके सब्स5करीब होता है। फिर ये अपने पास वाले सबसे करीब Router को खोजता है और उसे Packets देता है।
ये Process ऐसे ही चलता है और धीरे धीरे Information receiver तक पहुंच जाती है।
इसमें Routing table होती है जिसमें आसपास के सारे Routers का Address तथा Path distance रहता है।
Router का काम होता है बहुत सारे Routers को जोड़ना और Routing table को Update करना।
इनमें Router protocol रहता है जिसकी वजह से बहुत सारे Routers आपस मे बातचीत कर सकते हैं।
इसके अलावा सारे ही Router अपने आसपास वाले Router की जानकारी हमेशा अपने पास रखते हैं।
Routers के Components क्या है?
ये एक तरह का Specialized computer होता है। इसके अपने कुछ Components होते हैं जो कि निम्न हैं-
◆ CPU – इसको Brain of the computer के नाम से भी जाना जाता है।
CPU का Full form Central processing unit है। ये कुछ Special software को चलाने का काम करता है।
इनमें शामिल हैं OS, कुछ OS हैं- Junos, ये Juniper routers को चलाते हैं।
Cisco, ये Cisco routers को चलाते हैं।
◆ Non volatile RAM – ये Permanent memory है। आपको इसके अंदर Startup version store तथा Backup देखने को मिलता है।
कभी कभी जब आपका Router booting करता है तब जो Programs load होते हैं वो इसी Memory की वजह से होते हैं।
◆ Flash memory – कोई भी Device हो जो Electronic हो उसको एक Memory चाहिए होती है जिसमें Operating system को Store किया जाता है।
Flash memory एक तरह से Computer की Hard disk की तरह से काम करती है।
इसी Memory में Routing table, routing algorithm, routing protocol आदि Store रहता है।
◆ Network interface – किसी भी Router में बहुत सारे Network interface पाए जाते हैं। दोस्तों जो Operating system होता है न उसमें बहुत सारे Drivers होते हैं।
इन्हीं Drivers की वजह से Router को पता लग पाता है कि कौन से Port में कौन से Wire का Network connected है।
Routers में ये भी काबिलियत होती है कि वो दूसरे Routers से Route को पता करते हैं। इसी की वजह से Packet को सही Route पर पहुंचाया जाता है।
◆ Console – इसका काम होता है Managing और Configuring का।
Console में ही Configuration और Trouble shooting command दिए जाते हैं।
Router के Functions क्या है?
दोस्तों Router के निम्न Function हैं-
◆ ये एक तरह से Default gateway की तरह काम करता है।
◆ ये हमेशा ऐसे Path को बनाने में लगा रहता है जो Loop free हो।
◆ ये दो Network के बीच में Route बनाने का काम करता है।
◆ किसी भी Packet को Receiver तक पहुंचाने के लिए ये Shortest distance का पता करता है।
◆ ये LAN को Broadcast करने से भी रोकता है।
◆ ये Sender और receiver के बीच मे एक Connection बनाने का काम करता है जिससे Information को Sender से Receiver तक पहुंचाया जा सके।
दोस्तों ये थी Router से सम्बंधित जानकारी। अभी तो दोस्तों ये Computer के अंदर पहले से मौजूद रहता है मगर धीरे धीरे इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है।
इसकी Speed और Routing protocol का विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। आगे चलकर ये बहुत ज्यादा उपयोग किया जाने लगेगा।
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bahut hi acha article likha he bhai aapne router ke baare me padhkar kuch information mili.