आप सबने गुपकार घोषणा पत्र का नाम तो ज़रूर सुना होगा, आजकल इसने काफी सुर्खियां बटोरी हैं। ये नाम हम सबके सामने तब आया जब 2019 में जम्मू कश्मीर से Article 370 को हटाया गया। तो आइये देखते हैं Gupkar Declaration क्या है?
एक बार फिर से ये सुर्खियों में इसलिए आ चुका है क्योंकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार Gang बताया है और ये भी आरोप लगाया है कि इस Gang में शामिल लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहते हैं।
अमित शाह के मुताबिक ये गुपकार गठबंधन देशहित के खिलाफ है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिस गुपकार गठबंधन की अमित शाह ने बात की और आए दिन जो गुपकार घोषणा पत्र सुर्खियां बटोर रहा है वो आखिर है क्या? इसके साथ ही सवाल ये भी है कि इस गुपकार Gang का मकसद क्या है?
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दोस्तों, आज हम गुपकार गठबंधन से सम्बंधित इन्हीं कुछ प्रश्नों के सवालों का जवाब आप सबके लिए लेकर आए हैं। इस Article को पढ़ने के बाद आपके सामने गुपकार से जुड़ी सारी पहेली हल हो जाएगी। तो चलिए एक एक करके हम बताते हैं गुपकार गठबंधन के बारे में।
गुपकार गठबंधन क्या है?
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सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर जिसकी हर तरफ चर्चा है वो गुपकार गठबंधन है क्या? असल में गुपकार जम्मू कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है। इस गठबंधन को PAGD (People’s Alliance for Gupkar Declaration) नाम दिया गया है।
ये बस एक तरह का घोषणा पत्र है। वहीं अगर बात करें गुपकार गठबंधन की तो गुपकार गठबंधन पार्टियों के उस समूह को कहा जाता है जो इस गुपकार घोषणा पत्र पर Signature करती हैं।
इस गठबंधन में महबूबा मुफ्ती की PDP (Peoples Democratic Party) तथा फारूक अब्दुल्ला की National Conference Party के अलावा जम्मू कश्मीर की अन्य 6 पार्टियां और भी शामिल हैं।
ये तो हम सभी जानते हैं कि 2019 से पहले जम्मू कश्मीर को Article 370 के अंतर्गत विशेष दर्जा दिया गया था मगर अब वहां भी स्तिथि भारत के अन्य राज्यों की तरह ही हो चुकी है। ऐसे में गुपकार का उद्देश्य ये है कि जम्मू कश्मीर को वापस वही पहले वाला विशेष दर्जा मिल सके।
गुपकार गठबंधन की पहली बैठक;-
गुपकार की पहली बैठक National Conference के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के निवास स्थल पर आयोजित की गई थी। इस बैठक में Peoples Conference के Chairman सजाद लोन, PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, Peoples Movement के नेता जावेद मीर, CPIM नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी तथा National Conference के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह शामिल हुए थे।
क्या है गुपकार घोषणा?
असल मे दोस्तों, श्रीनगर में एक सड़क है जिसका नाम है गुपकार रोड। यही वो रोड है जिस पर National Conference के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का निवास स्थल बना हुआ है।
जब जम्मू कश्मीर से Article 370 से हटाया जाने वाला था यानी कि 4 August, 2019 को उससे एक दिन पहले ही फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित निवास स्थल पर जम्मू कश्मीर के कुछ विपक्षी दलों ने बैठक की थी। इस बैठक में ही एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था और उसी को नाम दिया गया था गुपकार घोषणा (Gupkar declaration)।
गुपकार बैठक में BJP को छोड़कर अन्य विपक्षी पार्टियां शामिल हुईं थीं। जब जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा हटाया जा रहा था तब राज्य में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था जिसकी वजह से ये Emergency बैठक फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बुलानी पड़ी थी।
इस बैठक में ही एक समझौता किया गया था। इस समझौते के अंतर्गत शामिल पार्टियों ने ये कहा था कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता तथा उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वो सब मिलकर प्रयास करेंगे और ये फैसला उन्होंने सबकी सर्व सम्मति से उन्होंने ये फैसला लिया है।
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गुपकार गठबंधन का उद्देश्य;-
इसका मुख्य उद्देश्य बस एक ही है कि ये चाहता है कि जम्मू और कश्मीर को उसका विशेष दर्जा वापस मिल सके। इन गुपकार घोषणा पत्र से भी यही बात जाहिर होती है कि गुपकार गठबंधन में शामिल पार्टियां जम्मू कश्मीर से Article 370 हटाए जाने के खिलाफ हैं और उनका मानना है कि ऐसा करने से कश्मीर की स्वायत्तता तथा पहचान नष्ट हुई है।
गुपकार का क्या है चीन तथा पाक से सम्बंध;-
अब जब सुर्खियों में गुपकार छा ही चुका है और ये Article 370 हटाए जाने के खिलाफ भी है तो ऐसे में इसको पाक और चीन के साथ जोड़ा जा रहा है। यही नहीं एक बार पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी गुपकार घोषणा की तारीफों का समां बांध दिया था और इसे एक Important Step बताया था। इसके बाद अपने बचाव में फारूक अब्दुल्ला साहब ने कहा था कि, ‘हम किसी के इशारे पर यह काम नहीं कर रहे हैं।’
खैर, इसके अलावा चीन से भी इसका Link होता दिखाई दे रहा है। फारूक अब्दुल्ला ने एक बार ये बात कही भी थी कि उन्हें उम्मीद कि अगर Article 370 हटा तो चीन से मदद मिल सकती है। इसके अलावा उनका ये कहना भी था कि कश्मीर के लोग चीन के साथ रहना ज्यादा पसंद करेंगे।
गुपकार अगर इसी तरह Active रहा था तो आने वाले कुछ दिनों में मरने मारने की स्तिथि पैदा हो सकती है। माना ये भी जा रहा है कि जब से कश्मीर से Article 370 बहाल किया गया है तब से विपक्षी दल के नेताओं की राजनीति ही ठप हो गई है।
ऐसे में ये बात साफ है कि वो किस भी हाल में Article 370 को वापस लाना चाहेंगे। इसके साथ ही जम्मू में कई जगह पर तो गुपकार घोषणा का विरोध भी हुआ है। महबूबा मुफ्ती के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया और उनके पोस्टर्स भी जलाए। अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो स्तिथि सामान्य होने की जगह और बदतर होती जाएगी।
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