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ग्राम प्रधान कैसे बनें?

दोस्तों भारत एक कृषि प्रधान देश है, ये बात हम सभी जानते हैं। कृषि प्रधान होने की वज़ह से ही भारत में गांवों को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। गांव ही हमारे देश की आन बान और शान है। आज हम जानेंगे – ग्राम प्रधान कैसे बनें?

कृषि के कारण ही शहरों और गांवों की Population आराम से जीवन यापन कर रही है। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद भी हमारे देश के किसानों को हर साल रोना पड़ता है।

किसानों की Situation ऐसी है जिसको हम बयान नहीं कर सकते हैं। किसान हमेशा संघर्ष करते हुए नज़र आते हैं।  

दरअसल होता यूं है कि किसान गांवों में रहते हैं और गांवों में रहकर किसान अपने खेतों पर कृषि करते हैं तथा जब भी अच्छी फसल होती है किसान उसमें से अतिरिक्त फसलों को ले जाकर शहरों में बेच देते हैं।

गांवों में रहने के लिए किसान खेती करते हैं और ये खेती Monsoon पर Depend करती है।

जब Monsoon खराब रहता है तो इसका असर खेती पर पड़ता है और फसल उस हिसाब की नहीं उतपन्न होती है जिसकी उम्मीद की जाती है। इसी से भारी नुकसान होता है।

इसके लिए किसानों को Resources की ज़रूरत होती है ताकि वो खेती सही से कर पाएं।

भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में ज़रूरतमंदों को जरूरतों के हिसाब से Resources पहुंचाने तथा प्रशासनिक पहुंच को स्थापित करने के लिए पंचायती राज की व्यवस्था की गई है। 

भारत के Constitution के Article 243 के अंतर्गत ही पंचायती राज की व्यवस्था की गई है। पंचायती राज के अंतर्गत ही ग्राम सभा तथा ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है और यही पूरे ग्राम के विकास को लेकर जिम्मेदार होता है।

ग्राम पंचायत का एक प्रमुख होता है जिसे ग्राम प्रधान कहा जाता है। आज हम आप से इसी ग्राम प्रधान की बात करेंगे।

इस Article में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे ग्राम प्रधान बन सकते हैं।

क्या है ग्राम प्रधान?

हर ग्राम सभा मे ग्रामीण स्तर पर क्षेत्र के Development के लिए एक प्रतिनिधि का चयन किया जाता है, उसी को गांव का मुखिया या ग्राम प्रधान के नाम से जाना जाता है।

ग्राम प्रधान जो होता है वो ग्राम पंचायत का अध्यक्ष होता है तथा गांव के हित मे फैसला लेने का अधिकार भी ग्राम प्रधान के पास होता है।

ग्राम प्रधान क्षेत्र की सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई ग्राम विकास अधिकारी के साथ मिलकर ग्राम की योजना को लागू कराता है।

किसी भी ग्राम प्रधान को 1000 की Population पर चुना जाता है। गांव की जनता के द्वारा ग्राम प्रधान का चुनाव किया जाता है।

पंचायती राज व्यवस्था

जब हमारा Constitution बनाया जा रहा था तभी बहुत ही विस्तार से Article 40 के अंतर्गत ग्राम पंचायत के बारे में बताया गया था। इसको फिर राज्यों के ऊपर छोड़ दिया गया था। 

जिसकी वजह से इसको Constitutional status नहीं मिल पाया जिसके बाद इसको लेकर तरह तरह की Committees का गठन किया गया और फिर 1986 में डॉ एल ऍम सिन्घवी की अध्यक्षयता में समिति का गठन किया गया। 

इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसके आधार पर Constitution में 73 वां Amendment किया गया। इसी के साथ पंचायती राज को 24 April 1993 में Constitutional status प्रदान किया गया।

73वें Constitution amendment से ही एक नुई अनुसूची 11 और भाग 9 को जोड़ा गया। इसी में Article 243 में 243क से 243ण तक का पंचायती राज का प्रावधान किया गया है।

ग्राम सभा क्या है?

ये तो आप सभी जानते होंगे न कि हे जगह की एक Voter list होती है। उस Voter list में जितने व्यक्तियों का नाम लिखा होता है उसी व्यक्तियों के समूह को ग्राम सभा के नाम से जाना जाता है।

किसी भी ग्राम सभा के लिए 200 या उससे अधिक व्यक्तियों का होना ज़रूरी होता है।

ग्राम सभा के द्वारा भी कुछ Candidates को चुना जाता है। जो भी पदाधिकारी ग्राम सभा के द्वारा चुने जाते हैं उन्हें ग्राम पंचायत कहा जाता है।

अगर बात करें ग्राम पंचायत की तो एक ग्राम पंचायत में 1 प्रधान होता है तथा 9 से 15 Wards हो सकते हैं।

ग्राम प्रधान कैसे बन सकते हैं?

बहुत लोगों की इच्छा होता है ग्राम प्रधान बनने की मगर यूं ही कोई भी ग्राम प्रधान नहीं बन जाता। ग्राम प्रधान बनने के लिए आपको Social work में Interest लेना होगा।

गांव के लोगों की Problems को समझना होगा, सभी लोगों के साथ सामंजस्य बनाकर चलना होगा।

जिस वक्त आपको ये एहसास हो कि आपने गांव की जनता के बीच अपनी एक Image कायम कर ली है उस वक़्त अब ग्राम प्रधान बनने के लिए एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं।

ग्राम प्रधान बनने के लिए योग्यता

ग्राम प्रधान बनने के लिए आपके पास निम्न योग्यता होनी चाहिए –

◆ ग्राम प्रधान बनने के लिए आपका उसी ग्राम पंचायत में होना Compulsory है। यानी कि आपका जहां का निवास स्थान है आप वहीं से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ सकते हैं।

◆ कुछ राज्य सरकारों ने ग्राम प्रधान के लिए कुछ Educational qualifications भी रखी है जैसे कक्षा 8 या कक्षा 10 लेकिन समय समय पर इसमें Changes होते रहते हैं।

ग्राम प्रधान की Salary

हर एक राज्य में ग्राम प्रधान की Salary अलग अलग है। अगर बात करें उत्तर प्रदेश राज्य की तो यहां पर ग्राम प्रधान को 3500 Salary के तौर पर दिया जाता है। उसके अतिरिक्त 15000 रुपये Per month ग्राम प्रधान को अलग स्व दिए जाते हैं।

ग्राम प्रधान के चुनाव होने का Process:

◆ ग्राम प्रधान का चुनाव हर 5 साल में एक बार करवाया जाता है।

ग्राम प्रधान का पद बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्राम प्रधान के चुनाव को करवाने के लिए पहले State government चुनाव की स्वीकृति प्रदान करती है और उसके बाद ही State election commission ग्राम प्रधान के चुनाव की घोषणा करती है।

जैसे ही ग्राम प्रधान के चुनाव की घोषणा हो जाती है उसके बाद से ही आचार संहिता को लागू कर दिया जाता है।

इस घोषणा के तहत एक Time table भी जारी किया जाता है जिसमें Vote डालने की Date, नाम वापस लेने तथा पर्चा दाखिल करने के बारे में बताया जाता है।

◆ जो भी Candidate ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ना चाहते हैं वो तय की गई Date तक पर्चा दाखिल कर सकते हैं। जैसे ही नाम वापस लेने की Date खत्म होती है उसके बाद निर्वाचन अधिकारी Candidate को चुनाव चिन्ह आवंटित कर देता है।

◆ इसके बाद Candidate आचार संहिता के Rules को follow करते हुए अपने Favor में Vote पाने के लिए प्रचार प्रसार करता है।

◆ फिर Vote डालने की Date पर गांव के लोग अपनो इच्छानुसार किसी भी Candidate को Vote डालते हैं। 

◆ जब Vote डालने का Process पूरा हो जाता है उसके बाद उनकी Counting होती है और जिस Candidate को सबसे ज्यादा Vote मिलते हैं उसे ही विजयी घोषित कर दिया जाता है। 

निर्वाचन अधिकारी जीते हुए Candidate को प्रमाण पत्र देता है। वही ग्राम प्रधान बनता है।

ग्राम प्रधान को Oath:

जीते हुए Candidate को पीठासीन अधिकारी या फिर ग्राम पंचायत सचिव ग्राम प्रधान बनने के लिए Oath दिलवाता है। Oath लेने के बाद ही वो Officially ग्राम प्रधान हो जाता है। 

ग्राम प्रधान के काम:

ग्राम प्रधान बनने के बाद आपको ये कुछ Work करने होते हैं –

◆ किसी भी ग्राम प्रधान का प्रमुख कार्य होता है गांव का चतुर्मुखी Development

◆ गांव के जो भी प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक Schools होते हैं ग्राम प्रधान उसमें निरीक्षण करता है और जिस चीज़ की भी कमी होती है वो अपने ऊपर के Officers से उन चीजों को पूरा करवाता है।

◆ गांव में Electricity, water आदि को देखना भी ग्राम प्रधान का ही काम होता है। ग्राम प्रधान ही इस सबकी जानकारी Officers को देता है और फिर समस्या का निवारण किया जाता है।

◆ गांव के व्यक्तियों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ दिलवाना ग्राम प्रधान का ही काम होता है। 

दोस्तों तो ऐसे ही होता है ग्राम प्रधान का चुनाव और ग्राम प्रधान का Work, अगर आप भी Social work में थोड़ा बहुत भी Interest रखते हैं तो आपको भी के बार ग्राम प्रधान बनने के बारे में ज़रूर सोचना चाहिए।

Satwant Yadav: मैं अपने इस ब्लॉग पे इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर कैर्रिएर से रिलेटेड आर्टिकल पोस्ट करता हु और ये उम्मीद करता हूँ कि ये आपके लिए सहायक हो। अगर आपको मेरा आर्टिकल पसंद आये तो आप इसे लाइक ,कमेंट अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और आपको मुझे कोई भी सुझाव देना है तो आप मुझे ईमेल भी कर सकते है। मेरा ईमेल एड्रेस है – hindipost.net@gmail.com.