ओमिक्रोन वायरस क्या है और ये पिछले वेरिएंट से अलग कैसे है? हाय ये कोरोना! ये तो जीने ही नहीं देगा। 2019 से शुरू हुई ये तबाही न जाने कब थमेगी। ये तो मानो अब एक त्योहार हो गया है जिसको हर साल सर्दियों में आना ही है। जून जुलाई तक जाकर हालात जहां फिर से Normal होने लगते हैं, तो फिर इसको बर्दाश्त नहीं होता है और फिर नवंबर दिसंबर आते आते ये अपनी बाहें खोल देता है और लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देता है।
कोरोना जैसी महामारी के बारे में कभी किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था लेकिन अब तो हकीकत में जो हो रहा है वो सब आपकी आंखों के सामने ही है। ऐसी तबाही न पहले कभी हुई थी और न आगे शायद ही कभी होगी, लेकिन ये सच में बहुत ही ज्यादा भयावह स्तिथि है, जो अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है।
कोरोना की वजह से न जाने कितने लोगों के घर छिन गए, न जाने कितने बच्चों के मां बाप बिछड़ गए, न जाने कितने लोगों के परिवार खो गए और न जाने कितने लोग रोटी कपड़ा और मकान को तरस गए।
अभी भी अगर 2020 के के Lockdown की स्तिथि को देखा जाए तो हाथों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और आंखें नम हो जाती हैं। एक छोटी सी गलती की सजा पूरी दुनिया को भुगतनी पड़ रही है।
जिसने कोरोना के इस महामारी के दौर में अपने करीबियों को खोया है, उनके दर्द को बयां कर पाना भी शायद मुश्किल है। बावजूद इसके लोगों की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं लेती हैं।
जब हालात थोड़े बहुत काबू में आने शुरू होते हैं तो लोग फिर से बेफिक्र होकर सड़कों पर घूमने आ जाते हैं। Social distancing की तो बैंड बज जाती है। लोगों के चेहरे पर न Mask होता है और न ही कोई Sanitizer का इस्तेमाल कर रहा होता है।
जब ये लापरवाही हम खुद से करते हैं तो फिर ये दर्द भरा मंजर भी तो हमें ही देखना होगा। जब स्तिथि थोड़ी बहुत Normal होने लगती है तो भी तो ये हम सबकी ही ज़िम्मेदारी है न कि हम खुद के साथ कोई लापरवाही न बरतें। साथ ही औरों को भी जागरूक करें कि वो भी सावधान रहें। किसी भी नई कोशिश की शुरुआत खुद से शुरू की जाती है। सबसे पहला कदम हमें खुद को बढ़ाना होता है, बाद में दुनिया उसको Follow करती है। लेकिन हम सब इतने समझदार कहां हैं?
दरअसल हम बचपन से ही उसी माहौल में पले बढ़े होते हैं। जब हमें आंखें दिखाई जाती हैं तभी हम किसी काम को करते हैं वरना बेफिक्र होकर घूमते रहते हैं। ऐसा ही कुछ अभी भी हमें चाहिए होता है।
जब तक पुलिस वाले हमारा Fine नहीं लेंगे Mask न लगाने का तब तक हम कहां Mask लगाएंगे। अभी Traffic को ही ले लीजिए, कोई भी तब तक Helmet नहीं लगाता है जब तक कि उसको चौराहे पर Traffic पुलिस नज़र नहीं आती है। जब Traffic पुलिस के दर्शन हो जाते हैं उसके बाद Fine के डर से लोग फटाफट Helmet लगाने लगते हैं। मगर ऐसा क्यों?
Helmet लगाने से फायदा पुलिस का है या रोड का कि आपका सिर इतना भारी है कि गिरेंगे तो रोड टूट जाएगी इसीलिए Helmet लगाना चाहिए।
बहाने हज़ार हैं किसी भी काम को न करने के। मगर हर चीज़ से फायदा आपको और हमको ही है। अगर हम थोड़ा सा भी सावधान होते न तो जो कोरोना का इतना भयानक रूप हुआ है वो शायद न होता।
अब तो इसका एक और नया वेरिएंट सामने आ गया है। कहाँ अभी Delta से ही हम पूरी तरह से मुक्त नहीं हो पाए थे, लीजिए अब दूसरा वेरिएंट भी हाज़िर है। अब ज़रूरत है कि हम सावधान हो जाएं और कोरोना की इस जंग में हम कोरोना को हरा दें। इससे पहले जो Delta वेरिएंट आया था, वो कितना ज्यादा खतरनाक ये तो आप सभी को बहुत अच्छे से पता ही है। लेकिन ओमिक्रोन उससे किस तरह से अलग है और ये कितना खतरनाक है ये जानना हम सभी के लिए बेहद आवश्यक है।
आज ये लेख हम इसी पर लेकर के आए हैं। इसमें हम ओमिक्रोन से जुड़ी सारी जानकारी आपको देंगे। लेकिन फिर भी आप सब खुद से ये वादा कर लीजिए कि आप सावधानी बरतेंगे और Social distancing आदि का अच्छे से पालन करेंगे।
क्या है ओमिक्रोन वायरस?
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ये कुछ नया नहीं है बल्कि कोरोना वायरस का ही एक जीन वेरिएंट है। ये बहुत तेज़ी से दुनियाभर में फैल रहा है। वहीं South africa के महामारी विज्ञान के अनुसार इस ओमिक्रोन वायरस का सबसे पहले पता बोत्सवाना में चला था।
ओमिक्रोन का जो नाम है वो एक Greek शब्द के ऊपर ऐसा रखा गया है। वहीं दोस्तों 25 नवंबर से इस नए वायरस की घोषणा पूरे देश में कर दी गई है। अगर इसकी Present में बात करें तो ये वायरस 14 से भी ज्यादा देशों में फैल चुका है और इतना ही नहीं लगभग सभी महाद्वीपों में इसके शिकार हुए लोगों को देखा जा सकता है। जिस तरह से कोरोना वायरस को समझने में वक़्त लगा था, ठीक वैसे ही इस नए वेरिएंट को समझने में भी अभी वक़्त लगेगा।
कितना खतरनाक है ओमिक्रोन?
ओमिक्रोन ने भी अपने पैरों को तेज़ी से पसारना शुरू कर दिया है। देश के कई राज्यों में ये काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर जानकारी दी थी और बताया था कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले सबसे पहले कर्नाटक में मिले थे। कर्नाटक में ओमिक्रोन के दो मामले सामने आए थे। इनमें से एक व्यक्ति की उम्र 46 वर्ष थी और दूसरे व्यक्ति की उम्र 66 वर्ष थी।
ओमिक्रोन कोरोना वायरस का ही एक नया वेरिएंट है। ये नया वेरिएंट B.1.1.529 है और इसी को World health organization ने ओमिक्रोन नाम दिया है। इसके साथ ही इसको ‘Variant of concern’ भी घोषित कर दिया गया है। खबरों की मानें अगर तो कोरोना का ये नया वेरिएंट पिछले वाले वेरिएंट की तुलना में बहुत ज्यादा खतरनाक है। ऐसा इसलिए दोस्तों क्योंकि जो ओमिक्रोन वेरिएंट है उसमें 43 Mutations देखे जा रहे हैं, लेकिन जो Delta वेरिएंट था उसमें बस 18 ही Mutations देखे गए थे। अब ये तो आगे का वक़्त ही बताएगा कि ये नया वेरिएंट किस हद तक खतरनाक हो सकता है।
हालांकि इस वेरिएंट की जो विशेषताएं हैं वो पहले के वेरिएंट्स से काफी अलग है। इसकी जो Genetic characteristics हैं वो काफी ज्यादा अलग है। इसके स्पाइक Protein में भी काफी ज्यादा Changes देखने को मिले हैं। यही कारण है कि WHO ने भी इसको खतरनाक बताया है और सच में ये एक चिंता का विषय है।
हमने बताया इसका Genetic characteristic बेहद अलग है इसीलिए दोस्तों अगर इसकी Vaccine को Discover किया जाएगा तो उसके लिए भी काफी ज्यादा समय चाहिए होगा। क्योंकि पहले तो इस वायरस को ही समझना होगा, उसके बाद न इसकी Antibodies के बारे में पता किया जा सकता है।
ओमिक्रोन वायरस कैसे खतरनाक है?
अब आप सब सोच रहे होंगे कि इसकी Testing कैसे होगी तो दोस्तों हम आप सबको बता दें कि ओमिक्रोन वायरस की Testing भी PCR test की मदद से ही होगी। इसके बाद पहले वाले Process को ही Follow किया जाएगा। लिए गए Sample को Lab में Test के लिए भेज दिया जाएगा। उसके बाद वहां पर यह पता लगाया जाएगा कि जिस व्यक्ति का वह Sample है वो कोरोना Positive या कह लीजिए ओमिक्रोन Positive है भी या नहीं।
अगर मान लीजिए कि Result positive आ जाता है तो फिर उस Sample को Genome sequencing के लिए भेजा जाएगा। इसकी एक अलग Lab होती है। अगर वो Gene की Mixing से जुड़ा होगा तो जिस व्यक्ति का वह Sample होगा उसे कोरोना Positive मान लिया जाएगा। इसकी Testing का जो Process है वो भी थोड़ा अलग है जिसकी वजह से यह और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
क्या ओमिक्रोन वायरस कोरोना से ज्यादा खतरनाक है?
दक्षिण अफ्रीका में जितने भी लोगों को ये वायरस नवंबर में हुआ था, उनमें से ज्यादातर लोग नौजवान थे यानी Youths थे। उनमें ऐसे कोई खास लक्षण देखने को नहीं मिले थे, मगर फिर भी इसको काफी गम्भीर रूप में देखा जा रहा है। साथ ही ऐसा भी माना जा रहा है कि हो सकता है कि अगर किसी उम्रदराज व्यक्ति में ओमिक्रोन वायरस आए तो उसमें कुछ भयावह लक्षण नजर आएं।
अगर बात करें यूरोप की तो EDCD के मुताबिक इस वायरस के लक्षण अभी जितने भी लोगों में देखे गए हैं या तो उनमें इसके हल्के लक्षण देखे गए हैं या तो न के बराबर कह लीजिए लक्षण पाए गए हैं। किसी में भी इसके कोई भयानक लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। अब इसके बाद ये सवाल आना तो लाज़मी है कि इसकी Vaccine कब लगेगी या जो Vaccine होगी वो कैसे बनेगी। चलिए एक नज़र इस पर भी डाल लेते हैं।
कब तक बनेगी ओमिक्रोन वायरस की Vaccine?
जैसा कि अभी हमने आपको बताया कि अभी इस ओमिक्रोन वायरस के गम्भीर लक्षण किसी भी मरीज में देखने को नहीं मिले हैं। इसीलिए हमारे लिए यह कहना बहुत ही गलत हो सकता है कि कोरोना की Vaccine इसके लिए ठीक साबित होगी या फिर आसान शब्दों में कहें तो कोरोना की Vaccine ओमिक्रोन वायरस से मुक्ति दिला पाएगी।
अभी जो मौजूदा Vaccines हैं उनकी Antibodies अभी भी काम कर ही रही है। लेकिन अभी भी डॉक्टर के लिए यह कह पाना काफी ज्यादा मुश्किल है कि क्या ये Vaccine गम्भीर मरीज को भी ठीक कर पाएगी या नहीं।
अभी ओमिक्रोन वायरस का कोई अलग से Vaccine नहीं Develop किया गया है जिससे ये कहा जा सके कि इस वायरस को Vaccine से भगाया जा सकता है।
कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स से ओमिक्रोन अलग कैसे है?
ये जानना हम सभी के लिए बेहद आवश्यक हो जाता है कि ये वायरस कैसे कोरोना के बाकी वेरिएंट्स से अलग है। हमने आपको पहले भी बताया है कि इस नए वेरिएंट में आपको 30 से भी ज्यादा Mutation देखने को मिलेंगे। इसका ये मतलब है कि ये कोरोना के बाकी वेरिएंट्स अल्फा और Delta से काफी ज्यादा अलग है। इसमें काफी ज्यादा Variations देखने को मिले हैं।
जितने भी वायरस आज तक दुनिया में पाए गए हैं, उनमें से किसी में भी ये Characteristics देखने को नहीं मिले हैं। वहीं कोरोना वायरस के भी जो ज्यादातर वेरिएंट्स हैं उनमें भी Mutation के बाद बाहरी परत यानी कि स्पाइक Protein में बदलाव हो जाता है। ये जो बाहरी Protein की परत थी इसी के कमज़ोर होने की वजह से ही दुनिया भर की जो तमाम Medical कंपनियां थीं उन्होंने Vaccine को Develop भी कर लिया था।
दोस्तों जब कोई भी वायरस अपनी ऊपर की जो कटीली परत होती है उसको ताकतवर कर लेता है या फिर खत्म कर लेता है तो फिर उस वायरस को Vaccine से भी खत्म कर पाना संभव नहीं होता है। तब Vaccine भी उस पर कोई भी असर नहीं करती है। ऐसे में ओमिक्रोन भी कुछ ऐसा ही रूप लेकर के आया है और इसीलिए इसकी Vaccine को Develop करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
ओमिक्रोन वायरस की पहचान कैसे होगी?
ये सबसे बड़ा सवाल है। आखिर इस भयंकर वायरस की पहचान होगी कैसे। तो दोस्तों वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा ज़रूरी नहीं है कि ओमिक्रोन वायरस में S gene ही पाई जाए। इसको जानने के लिए हमें Genome sequencing की ज़रूरत होगी और ऐसा अभी कोई भी देश कर ही नहीं पाया है।
Delta और ओमिक्रोन में अभी तक बस एक ही अंतर देखने को मिला है, वो यह है कि ओमिक्रोन वायरस में S gene नहीं पाई गई है और Delta में ये पाई गई थी। शायद इसलिए भी Delta वेरिएंट ज्यादा खतरनाक था।
ओमिक्रोन वायरस में क्या क्या लक्षण देखने को मिलते हैं?
जितने भी मरीज अभी तक ओमिक्रोन वायरस के देखने को मिले हैं, उनमें मुख्यतः ये कुछ लक्षण पाए गए हैं –
◆ बहुत ज्यादा थकान।
◆ शरीर में बहुत ज्यादा दर्द।
◆ सूखी खांसी।
◆ गले में खराश।
◆ हल्का सा सिर दर्द।
इन लक्षणों को देखने के बाद अब हमारे लिए ये फर्क करना मुश्किल हो जाएगा कि जो वायरस व्यक्ति को हुआ है वो ओमिक्रोन है या फिर Delta, दोनों के ही लक्षण एक जैसे हैं। ओमिक्रोन कि तो कुछ ज्यादा ही Normal लक्षण हैं।
ओमिक्रोन वायरस से बचने के लिए क्या करना होगा?
World health organization के अनुसार दक्षिण के जितने भी देश हैं उन्हें बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। इसके लिए ज़रूरी है कि जो भी स्वास्थ्य सेवाएं हैं उन्हें और भी ज्यादा मजबूत किया जाए।
अब Social distancing का ढंग से पालन किया जाना बेहद आवश्यक है। शादियों पार्टियों को जितना हो सके Avoid करना होगा। भीड़ भाड़ कम से कम करनी होगी। इसके साथ ही ये ज़रूरी है कि सभी लोग जल्द से जल्द Vaccinated हो जाएं और एक Regular interval पर Hand wash करते रहें। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है Social distancing, इसी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
दोस्तों तो ये थी ओमिक्रोन वायरस से जुड़ी सारी जानकारी। अब तो आप सब समझ ही गए होंगे कि ये वायरस क्या है और कोरोना वायरस के बाकी के वेरिएंट्स से ये अलग कैसे है। इसमें आपको Delta वेरिएंट से अलग कोई खास लक्षण देखने को नहीं मिलेंगे। अभी भले ही ये खतरनाक न नज़र आ रहा हो, लेकिन धीरे-धीरे ये अपना भयावह रूप सबको दिखा ही देगा। इसीलिए सतर्क रहें, सावधान रहें, Mask लगाए रहें और Social distancing बनाएं रखें।
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