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NSA क्या होता है?

दोस्तों अगर बात आए देश की सुरक्षा की तो, इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

अभी जब CAA ( नागरिक संसोधन कानून ) को लाया गया तो उस समय चारों तरफ देश में खूब जमकर प्रदर्शन हो रहे थे।

कुछ लोग इसके Support में थे तो वहीं कुछ लोग इसके Against में थे। ऐसे में प्रदर्शन होना तो लाज़मी था।

अब जब प्रदर्शन होगा तो शांति से तो होगा नहीं। इसमें नुकसान होने तो तय ही है।

ऐसे में जब CAA के लिए प्रदर्शन हो रहा था तो काफी लोगों की जानें चली गईं, काफी हिंसा भी हुई और जो सार्वजनिक संपत्ति थी उसको भी काफी ज्यादा क्षति पहुंची।

ऐसे में प्रदर्शनकारियों को रोकना बेहद आवश्यक हो जाता है वरना कब तक ऐसे ही दंगे होते रहते?

इसीलिए सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों को थोड़ा सा शांत करने के लिए उन पर रासुका लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी।

रासुका का मतलब National Security Act ( NSA ) है। इसमें ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया जाता है जिनसे  देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों में रुकावट पैदा हो सकती है।

इसके अंदर जिस भी व्यक्ति को हिरासत में लिया जाता है, उसको एक साल तक जेल के अंदर बंद किया जा सकता है। 

ये NSA आज का बनाया कोई कानून नहीं है। इसका प्रावधान काफी पहले ही किया जा चुका है। मगर ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्हें इसके बारे में पता ही नहीं। दोस्तों इसके बारे में आप सभी को पता होना चाहिए। 

इसके अलावा NSA भारत सरकार में एक बहुत ही ज्यादा सम्मानजनक पद भी होता है। अगर आप सभी अजीत डोभाल को जानते हैं तो इस पद को आसानी से समझ सकते हैं।

अजीत डोभाल आज जिस पद पर मौजूद हैं न , उसी को NSA ( National security advisor ) के नाम से जाना जाता है।

दोस्तों तो आप अब सोच रहे होंगे कि NSA दोनों में से आखिर क्या होता है। तो हम आज आपके इसको लेकर जो भी भ्रम हैं वो दूर करने जा रहे हैं।

आज हम आप सभी को इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। इस Article में आप सबको बताएंगे कि NSA क्या होता है।

NSA का पद क्या होता है और NSA कानून क्या होता है। इसके अंतर्गत केंद्र और राज्यों के पास क्या क्या शक्तियां होती हैं आदि।

इस Article में आज आपको सारी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी। आइये फिर जानना शुरू करते हैं NSA के बारे में।

National security advisor क्या होता है?

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ये क्या होता है। पहले इसको एक पद के तौर पर समझते हैं। दोस्तों असल में भारत सरकार में एक बहुत ही सम्मानजनक पद होता है जिसे National security advisor के रूप में जाना जाता है।

इस पद को भारत सरकार के सबसे शक्तिशाली नौकरशाही पद में से एक माना जाता है। अगर बात करें इसकी शुरुआत की तो, इसकी शुरुआत सबसे पहले 1998 में हुई थी।

इस पद के लिए ज्यादातर ऐसे ही व्यक्तियों का चयन किया जाता है जो या तो Indian foreign service या फिर Indian police service से सम्बंधित हो।

इस Post पर सबसे पहले बृजेश मिश्रा को चुना गया था। बृजेश मिश्रा भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।

वर्तमान समय मे इस पद पर अजीत डोभाल तैनात हैं। जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होता है वो देश के प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति और मामलों पर सलाह प्रदान करता है।

NSA एक रणनीतिक सलाहकार के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है।


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National security advisor के क्या Functions होते हैं?

इसके जो Main functions या फिर कार्य है वो निम्न हैं –

  1. अगर कभी By chance किसी देश पर हमला करने की नौबत आ जाती है। तो ऐसे में एक Secret code होता है जो कि भारत के प्रधानमंत्री के पास होता है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति के पास भी ये Secret code होता है और वो अन्य व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि NSA ही होता है। इस Code को डालने के बाद ही किसी देश पर परमाणु हमला किया जा सकता है
  2. जितनी भी खुफिया Reports होती हैं वो NSA ही प्राप्त करता है। Reports प्राप्त करने के बाद फिर उन्हें प्रधानमंत्री को प्रदान करता है। जो NSA होता है न वो भारत की ओर से आयोजित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में रणनीतिक एवं संवेदनशील मुद्दों में भाग लेता है। भारत का जो NSA होता है वो किसी किसी देश के लिए जैसे पाकिस्तान इजरायल आदि के लिए भारत के विशेष दूत के रूप में भी कार्य करता है। कई बार अगर आपने गौर फरमाया होगा तो देखा होगा कि जो NSA होता है वो भारत के प्रधानमंत्री के साथ आधिकारिक और राजकीय यात्राओं पर जाता है।
  3. इसका मुख्य काम होता है देश के प्रधानमंत्री को भारत के लिए आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा ख़तरों से सम्बंधित हर मामलों में सलाह प्रदान करना।
  4. कई मामलों में ये भी पाया गया है देश की विदेश नीति को ठीक करने के लिए भी कई बार प्रधानमंत्री के कहने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को प्रतिनिधि बनाकर विदेश भी भेज दिया जाता है। 
  5. विभिन्न मामलों में देश का रवैया क्या होना चाहिए, इस मामले में उचित कार्यवाही करने के लिए भी ये प्रधानमंत्री को सलाह प्रदान करता है।

National security advisor की Salary क्या होती है?

दोस्तों ये बहुत ही सम्मानित पद होता है। इसीलिए जो भी इस पद कार्यरत होता है उसे लगभग 1,62,500 रुपये महीने के तौर पर मिलते हैं।

इस पद पर पहुंचने के लिए व्यक्ति को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर कहीं ये पद प्राप्त हो पाता है। इसमें Salary के साथ और भी सरकारी सेवाओं का लाभ मिलता है।

National security act क्या होता है?

अब चलिए जानते हैं Security act के बारे में जिसे रासुका के नाम से भी आप सब जानते हैं।

इस कानून का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी प्रदर्शनकारी द्वारा कोई अपराध किया जाता है या फिर किसी व्यक्ति को राष्ट्र विरोधी किसी गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है। इसके तहत ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया जा सकता है।

जिसको भी इस कानून के तहत हिरासत में लिया जाता है, उन्हें करीब 1 साल तक जेल के अंदर रखा जा सकता है।

अगर कभी भी सरकार को लगता है कि कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से उन्हें रोक रहा है तो वो रासुका के अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सकती है।

National security act की शुरुआत कैसे हुई?

जब इंदिरा गांधी सरकार वर्ष 1980 में दोबरा सत्ता में आई थी तो फिर इसी सरकार ने 23 सितंबर को इसको पास करवाया था।

इसके बाद 27 दिसंबर 1980 को ये तत्कालीन राष्ट्रीय नीलम संजीव रेड्डी की मंजूरी मिलने के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 के नाम से जाना जाने लगा।

इसके तहत पहले 3 महीने की गिरफ्तारी का प्रावधान किया गया था। यानी अगर कोई भी राष्ट्र को उसके हित मे काम करने से रोकने की कोशिश करता है तो उसे 3 महीने के लिए जेल में डाला जा सकता है।

इसके बाद आवश्यकतानुसार 3-3 महीने के लिए इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। जब गिरफ्तारी हो जाती है उसके बाद अधिकारी को राज्य सरकार को ये बताना पड़ता है कि किस आधार पर गिरफ्तारी की गई है।

इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति जो संदिग्ध है उसे बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में बंद किया जा सकता है। जिस व्यक्ति पर रासुका चल रहा होता है, उसे मुकदमे के दौरान किसी भी वकील को Hire करने की आज्ञा नहीं होती है।

National security act के तहत किन लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है?

इसके तहत निम्न व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सकता है –

  1. यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ी कर रहा है को वह उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है। इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है। 
  2. अगर कभी सरकार को ऐसा प्रतीत होता है कि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों में उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है तो भी सरकार उस व्यक्ति को हिरासत में ले सकती है।

National security advisor और National security act में क्या अंतर है?

जिस व्यक्ति को राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में चुना जाता है न, वो आगे चलकर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ( NSC ) का एक वरिष्ठ अधिकारी बन जाता है।

इसका काम तो आप सभी जान ही गए हैं कि ये भारत के प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में सुरक्षा सलाह प्रदान करता है।

इस समय भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं। अब वो अपने दूसरे कार्यकाल की जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। 

अब अगर बात करें Security act या रासुका की तो ये देश के हित में उन असामाजिक तत्वों पर लगाया जाता है जिनसे देश को खतरा हो सकता है।

इसका एक उदाहरण है भीम आर्मी के Chief ‘चंद्रशेखर’, इन्हें रासुका के तहत काफी दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।

दोस्तों तो ये थी NSA से जुड़ी सारी जानकारी। इसके दो मतलब होते हैं। हमने आपको दोनों तरह के NSA के बारे में बता दिया है।

अब आप National security advisor और National security act दोनों के बारे में समझ गए होंगे। दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।

एक भारत का सम्मानजनक पद होता है तो वहीं दूसरा एक कानून होता है जिसके तहत गिरफ्तारी की जाती है। उम्मीद है कि आपको सही से समझ मे आ गया होगा।

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