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Internet और Ethernet में क्या अंतर है?

Internet और Ethernet में क्या अंतर है? Internet से तो आप सभी बहुत अच्छे से परिचित हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि आज का जो युग है, वो Internet का ही युग है। अब सब कुछ इसी पर निर्भर करता है। इंटरनेट के आ जाने से हम सभी की ज़िंदगी काफी आसान हो गई है। वरना कहां कभी किसी ने ये सोचा था कि फोन करने से खाना घर आ जाएगा या घर बैठे बिजली का बिल, पानी का बिल और गैस का बिल Payment हो जाएगा। आज सब कुछ आप बस एक Click में कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको ज़रूरत होती है एक अच्छे इंटरनेट की।

जिन लोगों का काम Computer क्षेत्र में रहता है, उन्हें देश दुनिया की Technology से जुड़ी ज्यादातर चीज़ों के बारे में जानकारी होती है। अब Internet को ही ले लीजिए, आप इसके बारे में इतना नहीं जानते होंगे जितना कि एक कंप्यूटर ऑपरेटर इसके बारे में जानता होगा। मगर दोस्तों कंप्यूटर और नेटवर्किंग से जुड़ी जितनी भी जानकारी है वो सभी को होनी चाहिए वरना आप इस भागदौड़ भरी दुनिया में बहुत पीछे रह जाएंगे। 

आजकल तो ज्यादातर लोग घरों में Broadband internet connection लगवा रहे हैं। जिन लोगों के घरों में Broadband connection होगा, उन्हें LAN और Ethernet के बारे में जानकारी अवश्य होगी। लेकिन इसको लेकर लोग अक्सर Confuse रहते हैं। कई लोग तो ये सोचते हैं कि जो Internet है, वही Ethernet भी है। मगर दोस्तों ऐसा नहीं है। ये दोनों एक दूसरे से काफी अलग हैं। आज इस Content में हम आपको इन्हीं दोनों के बारे में बताएंगे। साथ ही हम यह भी बताएंगे कि ये दोनों एक दूसरे से अलग कैसे हैं। चलिए फिर इनके बारे में जानना शुरू करते हैं।

Internet क्या है?

Internet एक बहुत ही बड़ा Network का जाल है। ये एक Global computer network होता है। यहां पर बहुत सारे Network एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं।

ये Global होता है इसीलिए इसमें सारी ही जानकारी होती है। ये एक तरह से Communication का काम करता है। जैसा कि हमने बताया कि ये एक बहुत बड़ा Network का जाल होता है, ये सारे Interconnected networks एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए Standardized communication protocols का इस्तेमाल करते हैं। 

ये जो Network का जाल होता है न इसे हम Media या फिर कभी कभी Transmission media भी कह देते हैं। ये जाल कुछ और नहीं बल्कि Wires होते हैं तथा इन से ही Information और जो भी Data होता है वो Globally घूमता रहता है।

अब आप सब सोच रहे होंगे कि ये Data और Information क्या होते हैं? जो भी कुछ आप किसी भी Browser में जाकर Search करते हैं फिर चाहे वो कोई Text हो, Audio file हो या फिर Video हो वो सब Data ही तो है। ये जो Data और Information होते हैं ये Router और Server के जरिए ही Internet में आते जाते हैं। यही वो चीज़ है जो दुनिया के सारे Computers को आपस मे Connect करके रखती है।

दोस्तों जब कोई भी Information एक Computer से दूसरे Computer में जाती है तो वहां पर एक Protocol काम कर रहा होता है। इसी Protocol को हम लोग Internet protocol के नाम से भी जानते हैं।

अगर बात करें Protocol की तो इसका मतलब होता है Internet को चलाने के नियम से तथा इनको Programming language में लिखा जाता है।

Internet की Full form क्या है? 

दोस्तों इसकी Full form है Interconnected networks, अब इसके नाम से आप इसको आसानी से समझ सकते हैं। ये World wide सभी Web servers का एक बहुत ही बड़ा Network होता है। इसीलिए कई जगहों पर इसको Web या फिर World wide web के नाम से भी जाना जाता है। इसको Network of networks भी कहते हैं।

इसमें दुनियाभर के तमाम Private और Public organizations के, Schools एवं कॉलेज के, Hospital एवं Research centers आदि के Servers शामिल होते हैं।

Ethernet क्या है?

दोस्तों जिस Internet का हम सभी इस्तेमाल करते हैं उसको इस्तेमाल करने के लिए हम बहुत सारे तरीके अपनाते हैं। जैसे कि अगर हमें मोबाइल में इसका इस्तेमाल करना है तो हमें एक सिम कार्ड चाहिए होता है, वहीं अगर हम कंप्यूटर या System में इसका उपयोग करना चाहते हैं तो हमें उसमें Wifi या फिर LAN की ज़रूरत पड़ती है।

LAN से हमारा मतलब है Local area network से, ये एक Network होता है जो Computer और Network device के बीच में बना हुआ होता है। ये एक छोटे से Area को Cover up करता है। जैसे कि स्कूल, कॉलेज, घर या आपका Office आदि।

इसमें होता क्या है कि आप बस एक Cable की मदद से अपने System को इंटरनेट Device जैसे कि Router आदि से Connect कर सकते हैं। बस Ethernet यही है। ये कुछ और नहीं बस एक Technology है, जिसको Basically LAN में इस्तेमाल किया जाता है।

Ethernet की मदद से आपके System और Networking device को आपस में Connect किया जाता है। अक्सर आपने अपने स्कूल्स या फिर Offices में ध्यान दिया ही होगा कि दो कंप्यूटर आपस में Information को एक दूसरे के साथ Share कर लेते हैं, तो क्या आपने कभी सोचा है कि वो ऐसा कैसे कर पाते हैं? ये सब Ethernet की मदद से ही हो पाता है।

TCP/IP stack के Data link layer का जो Protocol है वो यही Ethernet ही है। Ethernet का काम है Information को Share करना है। ये किस Format में Share होगी, ये भी यही देखता है। इनका काम होता है ये देखना की दूसरे Devices तक Data को कैसे Share किया जाए जिससे उसमें Error वगेरह न आए। Data transmission में ये 2 तरह की Unit का इस्तेमाल करता है। पहली Unit होती है Frame और दूसरी Unit होती है Packet, Frame अपने साथ Payload और MAC address को लेकर जाता है।

जो MAC address होता है वो असल में कंप्यूटर का ही एक Address होता है। इससे जो Sender और Receiver होता है वो Computer का Address प्राप्त कर पाता है।


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Internet की खोज किसने की?

अब आप सब इसके बारे में तो जान ही चुके हैं। तो इतने बड़े Network को Create करना क्या किसी एक इंसान के बस के बात है? बिल्कुल भी नहीं। इसको किसी व्यक्ति ने Develop नहीं किया है। बल्कि इसे बनाने में तमाम वैज्ञानिकों तथा Engineers का दिमाग लगा था।

1957 में जब Cold war हो रहा था उस समय अमेरिका ने ARPA (Advanced research projects agency) की स्थापना की थी। इस Agency का Aim ही था एक ऐसी Technology को लाना जिससे एक Computer को दूसरे Computer के साथ आसानी से Connect किया जा सके। इसी Agency ने अपनी स्थापना होने के 12 साल बाद 1969 में ARPANET की स्थापना की थी। इससे किसी भी Computer को दूसरे Computer के साथ Connect किया जा सकता था।

फिर धीरे धीरे वक़्त बीतता गया और 1980 तक आते आते इसी का नाम Internet में परिवर्तित हो गया। इसी बीच 1970 मे Vinton cerf तथा Robert kahn ने TCP/IP protocol को Invent किया था तथा 1972 में Ray tomlinson ने Email network को विकसित किया।

Internet की शुरुआत कब हुई? 

इसकी शुरुआत दोस्तों तब से मानी जाती है जब इसको ARPANET ने Adopt किया था। ARPANET ने TCP/IP को 1 जनवरी, 1983 में Adopt किया था और तभी से Internet की शुरुआत मानी जाती है। उस समय इसको Network of networks के नाम से जाना जाता था। 

भारत मे Internet की शुरुआत कब हुई?

भारत में तो इसको आने में काफी समय लग गया। भारत मे ये  14 अगस्त 1995 को Launch किया गया और तब से ये लोगों के इस्तेमाल करने लायक बनाया गया। इसको Videsh sanchar nigam limited द्वारा Launch किया गया था।

Ethernet का इतिहास क्या है?

जिस Company ने इसको बनाया है उसका नाम Xerox PARC है। इसको Robert metcalfe के द्वारा कुछ लोगों के साथ मिलकर साल 1973 में इजात किया गया था।

ये CSMA/CD ( Carrier sense multiple access/ Collision defection) को इस्तेमाल करने वाला पहला Netowrk था। तभी से लेकर आज तक ये सबके भरोसे पर खरा उतर रहा है और सबसे भरोसेमंद नेटवर्क बनकर खड़ा है। शुरुआत में इसको Alto aloha network बोला जाता था। उस समय ये 10 Mega bits per second की Speed से चला करता था। फिर 1980 आते आते इसको दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाने लगा। फिर इसकी Speed 100 Mbps की हो गई। तब इसको Fast ethernet के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद इसकी Speed 1000 Mbps हो गई और तब इसको Gigabit ethernet बोला जाता था। अब इसकी जो Speed है, वो 10 Gigabit है। ये अब तक की इसकी सबसे ज्यादा Speed है। अगर Ethernet cable की बात करें तो आमतौर इसकी जो Length होती है वो 100 मीटर होती है।

Internet के क्या-क्या Components हैं?

ये बहुत सारे छोटे छोटे टुकड़ों से मिलकर बना हुआ है जो कि निम्न हैं-

  1. World wide web- 13 मार्च 1989 में इसको Develop किया गया था। इसमें जो भी Documents होते हैं वो HTML में Formatted होते हैं। इसके साथ ही ये Audio, video तथा Graphics file को भी Support करते हैं। 

  1. Web page- Web page बहुत सारे Computer documents से मिलकर बना हुआ होता है। ये जो Documents होते हैं ये HTML में लिखे हुए होते हैं। इन्हें Web browser द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। Web page भी 2 तरह के होते हैं। पहला Static web page तथा दूसरा Dynamic web page

  1. Website- Website अनेक Web page का Collection होता है। इसमें सभी Web page एक दूसरे से Hyperlink द्वारा जुड़े रहते हैं। किसी भी Blog का जो पहला Page होता है वो Home page कहलाता है। 

  1. Web browser- ये एक Software application है। इसका इस्तेमाल मुख्यतः WWW content को खोजने के लिए किया जाता है। Web browser भी 2 तरह के होते हैं। पहला Text web browser और दूसरा Graphical web browser

  1. Blogs- इसका मतलब एक Web page या Website होता है। इसमें किसी एक  व्यक्ति विशेष की राय दूसरी Site की Link नियमित रूप आए Record होती है। इसमें Image, text, audio से जुड़े Media links होते हैं।

  1. Search engine- ये Internet पर किसी भी विषय के बारे में जानकारी लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एक तरह से ये Website का ही काम करती है। इसमें आप Search bar में उस Topic को लिखते हैं जिसको आपको Search करना होता है। इसके बाद आपके सामने उस Topic से जुड़ी सारी चीजें आ जाती हैं जो Net पर रहती हैं। हम आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला Search engine है वो कोई और नहीं बल्कि हमारा आपका फेवरेट Google है। इसके बाद नंबर आता है Yahoo search engine का। इसका भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। 

  1. Domain name- इसे User’s group से Allocate किया जाता है तथा ये Network resources का एक Group होता है। ये Internet से जुड़े हुए Computers को पहचानने और उन्हें Locate करने में मदद करता है। ये हमेशा Unique name वाला होता है। 

  1. Domain name system- ये Domain name system IP address को Translate करने का काम करता है। Domain name system का इस्तेमाल Servers को पहचानने के लिए किया जाता है। Server की जो Addressing होती है वो Numbers based भी होती है। 

Ethernet के लिए कौन-कौन से Components चाहिए?

इसके लिए आमतौर पर निम्न Components की ज़रूरत होती है-

  1. Ethernet hub- ये कुछ और नहीं बल्कि एक Networking device होता है। इसकी मदद से सारे System को आपस में Cable की मदद से Connect किया जाता है। Hub का काम ही होता है कि किसी भो LAN के सारे Computers को आपस में Connect करना। अगर बात करें Hub की तो इसमें बहुत सारे Ethernet ports होते हैं। इसमें ही इन Cables को Connect किया जाता है।

  1. Ethernet cable- इसका इस्तेमाल करके दो या दो से ज्यादा Computers को आपस में जोड़ा जाता है। इसी का इस्तेमाल करके Connection को Establish किया जाता है और Information को Devices के बीच में Share किया जाता है। किसी भी LAN नेटवर्क में हमेशा एक ही प्रकार के Ethernet cable को इस्तेमाल में लाया जाता है। 

  1. Router- ये एक तरह के छोटे से Electronic device होते हैं। इनका काम होता है Wired या Wireless connection के माध्यम से कई Computer network को आपस में Connect करना। दूसरी भाषा मे कहें तो ये एक Computer network को दूसरे Computer network से Connect करता है या फिर एक Computer network को Internet से Connect करता है।

  1. Cross over cable- जो काम Ethernet cable का है, बस वही काम इसका भी है। इसको हम इसकी जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं और दो या दो से ज्यादा Devices को आपस में Connect कर सकते हैं।

Ethernet काम कैसे करता है?

जब भी इसका इस्तेमाल किया जाता है तो इसके लिए आपको Ethernet cable की ज़रूरत पड़ती है। इसको हम LAN cable से भी समझ सकते हैं। अभी हमने आप सभी को बताया ही है कि LAN में बहुत कम Area को Cover up किया जाता है।

इसमें आप एक काम कर सकते हैं कि अगर आप इसकी Range को बढ़ाना चाहते हैं तो आप इसके Cable को बढ़ा दीजिए। Cable बढ़ाने से इसकी Range को बढ़ाया जा सकता है।

इसमें होता क्या है कि जो Network device होता है वो कंप्यूटर को Data send करता है। फिर कंप्यूटर उस Data को Search करता है। इसके अलावा यदि कंप्यूटर और कंप्यूटर ही आपस में एक दूसरे से Connected रहते हैं तो सबसे पहले एक Packet को Search किया जाता है जो एक मशीन से दूसरे मशीन तक Data को ले जाएं। इसमें ये भी पता किया जाता है कि वो कंप्यूटर कितने दूसरे और कंप्यूटर से Connected है तथा कोई अन्य कंप्यूटर उस तक पहले से ही Information तो Share नहीं कर रहा है।

मान लीजिए कि कोई कंप्यूटर पहले से ही Information को Share कर रहा है तो फिर दूसरा कंप्यूटर तब तक अपना Data share नहीं करेगा जब तक पहला कंप्यूटर अपनी पूरी Information को Share नहीं कर लेगा।

Ethernet के उपयोग क्या क्या हैं?

इसके दोस्तों निम्न उपयोग हैं-

◆ इसकी मदद से आप दो या दो से अधिक Computers के बीच में एम Network स्थापित कर सकते हैं।

◆ इसका इस्तेमाल करके आप इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर हां ये बात ध्यान रखिएगा कि बिना किसी Broadband connection के आप इसमें इंटरनेट नहीं चला पाएंगे। इसके जरिए इंटरनेट चलाने के लिए ज़रूरी है कि आपके पास Broadband connection हो।

◆ इसकी मदद से बिना इंटरनेट के दो कंप्यूटर्स के बीच में Data को Share किया जा सकता है। 

Internet और Ethernet में क्या अंतर है?

आपने ये तो जान ही लिया कि ये दोनों होते क्या हैं। अब चलिए ये जान लेते हैं कि इन दोनों में अंतर क्या होता है। इन दोनों में अंतर होने के साथ काफी सारी Similarity भी है। अगर बात करें Internet की तो ये एक तरह का नेटवर्क है।

ये नेटवर्क दुनियाभर के Computers से और Servers से जुड़ा हुआ है। इसकी मदद से कोई भी कहीं भी रहकर किसी भी चीज़ की जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसकी मदद से आप किसी को भी Information share भी कर सकते हैं। हालांकि Information को Share करने के लिए Receiver और Sender दोनों के पास इंटरनेट की सुविधा मौजूद होनी चाहिए।

वहीं अगर बात की जाए Ethernet की तो ये बहुत छोटा नेटवर्क होता है। साथ ही इसकी जो Range होती है वो भी Limited रहती है। इसका इस्तेमाल करके भी आप Data को आराम से Share कर सकते हैं मगर हां इसकी एक Limited range होगी जिसके भीतर ही आप अपनी Information को Share कर पाएंगे। इसकी Range वहीं तक होती है जहां तक ये Connected होता है। आसान शब्दों में अगर समझें तो हम सभी Ethernet को छोटा Internet भी कह सकते हैं।

दोस्तों तो ये थी Internet और Ethernet से जुड़ी सारी जानकारी। अब आप सबको समझ में आ ही गया होगा कि ये दोनों क्या होते हैं और इन दोनों के बीच में क्या अंतर होता है। Internet एक World wide नेटवर्क है और Ethernet एक Local Area Network है।

ये तो हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट पर Security issues रहते ही हैं मगर Ethernet में कोई भी बाहरी व्यक्ति कभी Enter नहीं कर सकता है, जिससे Information बाहर नहीं जा सकती है। इसका ये मतलब हुआ कि इसमें आपको Security भी बेहतर मिलती है।

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Satwant Yadav: मैं अपने इस ब्लॉग पे इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर कैर्रिएर से रिलेटेड आर्टिकल पोस्ट करता हु और ये उम्मीद करता हूँ कि ये आपके लिए सहायक हो। अगर आपको मेरा आर्टिकल पसंद आये तो आप इसे लाइक ,कमेंट अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और आपको मुझे कोई भी सुझाव देना है तो आप मुझे ईमेल भी कर सकते है। मेरा ईमेल एड्रेस है – hindipost.net@gmail.com.