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Cloud computing क्या है?

Cloud computing क्या है? जमाना आज कितना आगे बढ़ गया है इसके बारे में आपको अंदाजा ही नहीं है शायद अभी। अगर आप इसको जानना चाहते हैं तो अपने आसपास एक छोटे से बच्चे को ही देख लीजिए। जिस उम्र में हम लोग हाथी घोड़े में फर्क करने में असमर्थ थे, उस उम्र में आज के बच्चे Technology को उंगलियों पर नचाते हैं। कहां पहले हमें ये कहकर लालच दिया जाता था कि जब बारहवीं में बढ़िया नंबर लाओगे तो तुम्हें मोबाइल या Computer दिलाएंगे और आज, बच्चे का जन्म होता नहीं है कि उसके हाथ में माता-पिता मोबाइल और Laptops आदि थमा देते हैं।

आज इस Digital world में सब कुछ बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। Technology तो इतना ज्यादा तेज आगे बढ़ रही है कि इसके बारे में लोगों को जानकारी भी नहीं हो पा रही है।

आए दिन नए नए Softwares launch किये जा रहे हैं। अब आप सभी अपने मोबाइल को ही ले लीजिए। अभी आप Present में जो Android version इस्तेमाल कर रहे हैं वो कुछ दिन बाद आपको देखने को भी नहीं मिलेगा और नया Android version मार्केट में आ जाएगा। अभी आपको इसी Version के बारे में ढंग से पता नहीं होगा तो आगे आप दूसरे Version पर कैसे ही Switch कर पाएंगे। यही कारण है दोस्त की हमें इन Technology और दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना ही होगा, वरना इस भागदौड़ भरी दुनिया में हम कहीं बहुत पीछे ही दबकर रह जाएंगे। इसीलिए अगर आगे बढ़ना है और Grow करना है तो हमें इन Technology को अच्छे से जानना होगा। जब तक हमें इनकी सही समझ नहीं होगी तब तक हम ज़माने के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पाएंगे।

अभी अगर आपने अगर ध्यान दिया हो तो एक शब्द काफी दिनों से कुछ ज्यादा ही चर्चित है, जो कि है Cloud computing, अगर आप थोड़ा बहुत भी Social हैं या Technology से जुड़े हुए हैं तो इसके बारे में आपने अवश्य ही सुना होगा। मगर क्या कभी आपने जानने की कोशिश की है कि यह है क्या? अगर नहीं तो दोस्त इसको जानना आप सभी के लिए बेहद ज़रूरी है।

आज के इस तकनीकी युग में इसका बहुत अधिक महत्व है। इसीलिए ये लेख हम खास आप सभी के लिए लेकर आए हैं। इसमें हम आप सबको बताएंगे कि आखिर ये Cloud computing होती क्या है और जितनी भी जानकारी इससे जुड़ी हुई है, वो सब हम आपको आज बताने जा रहे हैं। चलिए फिर बिना देर किए इसके बारे में जानना शुरू करते हैं।

क्या होता है Cloud computing?

दोस्तों, जब से Internet का आविष्कार हुआ है तब से Computer और Networking field और ज्यादा Advanced हुई है। ये Advancement आपको Distributed और Cloud computing में कुछ ज्यादा ही देखने को मिलेगी। इन दोनों Field में काफी ज्यादा Research हुई हैं। ये दोनों ही Term distributed computing और Cloud computing काफी हद तक समान है लेकिन इनमें कुछ कुछ असमानताएं भी हैं। और अगर आप Cloud computing को समझना चाहते हैं तो आपको उससे पहले Distributed computing को समझना होगा।

आज ऐसा समय आ गया है कि लगभग हर कंपनी Directly और Indirectly, cloud computing का इस्तेमाल कर रही है। अब आप Google को ही ले लीजिए, जब आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो आप इसके सारे Data को Cloud में ही Store कर रहे होते हैं। वहीं जब आप Twitter इस्तेमाल करते हैं तो आप Cloud computing का इस्तेमाल Indirectly करते हैं। इसको समझने के लिए चलिए हम सबसे पहले जान लेते हैं कि Cloud क्या होता है।

◆ Cloud क्या होता है?

इसको Basically computer resources को Deliver करने के लिए बनाया गया है। ये एक बहुत ही बड़ा Servers का Interconnected network है। इसमें ऐसा कुछ भी Fixed नहीं है कि Data कहां से आना चाहिए और कहां जाना चाहिए। ये एक Licensed service का Collection है। ये Users को अलग अलग Vendors के द्वारा प्रदान किया जाता है।

अगर कोई User इसको इस्तेमाल करता है तो उसको लगता है कि एक वो एक बहुत ही बड़े और विशाल Network का इस्तेमाल कर रहा है। जिसकी मदद से वो आपके Email से लेकर मोबाइल Apps तक की जो Mapping है, वो अपने हिसाब से कर पाता है। चलिए अब जानते हैं कि आखिर Cloud computing क्या होता है।

◆ Cloud computing क्या है?

Internet की मदद से यदि कोई Service आपको प्रदान की जाती है तो वो Cloud computing कही जाती है। अब आपको लग रहा होगा कि ये Service कौन सी होती है तो दोस्तों ये Service कोई भी हो सकती है, ये Computer resources या फिर Off site storage हो सकती है।

ये कुछ और नहीं बल्कि एक Technology है, जिसमें Internet का इस्तेमाल किया जाता है और फिर हमें Services प्रदान की जाती है। इसका सीधा-सीधा मतलब ही यही है कि Users की Demand पर उन्हें इंटरनेट की मदद से Computing service प्रदान करना।

इस तरह की Technology में दरअसल होता क्या है कि User को Internet के एक Server, जिसे Cloud कहा जाता है, उस पर Data को Store करने की Facility प्रदान की जाती है। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं कि Cloud पर अपना Space खरीद सकते हैं। Space मिल जाने के बाद फिर हम जितना चाहें उतना Data उसमें Store कर सकते हैं। इसके बाद उस Data को हम दुनिया के किसी भी कोने में रहकर भी आराम से Access कर सकते हैं। Cloud computing का यही तो एक बेहतरीन फायदा है।

Cloud computing में आपको Platform, application, infrastructure और Storage space जैसी सेवाएं मिलती हैं। इसमें खास बात यह है कि User अपने हिसाब से Services का उपयोग करते हैं और जितने की उन्हें ज़रूरत होती है वो उतने का ही पैसा देते हैं। ऐसा करने के लिए Users को अपना खुद का Infrastructure बनाने की ज़रूरत नहीं होती है। 

अब अगर देखें तो कोई भी व्यक्ति ज़रा सा भी सब्र नहीं करना चाहता है। कभी अगर गलती से भी कोई Application या फिर Site freeze हो जाती है तो लोगों का दिमाग काम नहीं करता है। सभी को उनके हिसाब से Services 24/7 चाहिए होती है। अब जो पुराना Mainframe computing हम उस पर तो इसका जोर डाल नहीं सकते हैं इसीलिए लोगों को बेहतर Service प्रदान करने के लिए ही Cloud distributed computing technology को लाया गया। इससे होता क्या है कि जो बड़े बड़े Business होते हैं वो भी काम को बड़ी आसानी के साथ कर पाते हैं।

Cloud computing के Examples क्या हैं?

इसको अगर आप और अच्छे से समझना चाहते हैं तो इसके लिए ज़रूरी है कि आप इसके कुछ उदाहरण देखें। इन्हें देखने के बाद आपको इसको समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

इसके कुछ बेहतर Examples निम्न हैं-

Flickr और Picasa को तो आप सभी जानते ही होंगे, अपने Server में ये अपने करोडों Users के Digital photographs को Host करने का काम करती हैं।

Youtube, जिसका आप रोज इस्तेमाल करते हैं, वो भी इसका एक बहुत ही बेहतरीन उदाहरण है। इसमें भी Users के Videos को Host करने के लिए Cloud storage का इस्तेमाल किया जाता है।


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◆ Google docs से तो आज के समय में सभी परिचित हैं। इससे बेहतर Example तो Cloud के लिए कुछ और हो ही नहीं सकता है। ये अपने Users को Spreadsheets, word documents और Presentations आदि को Data server में Store करने के लिए Allow करता है। इतना ही नहीं फिर चाहे आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो, आप कहीं से भी कभी भी जब चाहें अपने Data को Publish और Edit कर सकते हैं, वो भी बड़ी आसानी से।

◆ आप सबका अपना Facebook भी Cloud computing का ही इस्तेमाल करता है। इसमें लोगों की Profile और जो भी Data होता है सबको Save करने के लिए Cloud का इस्तेमाल किया जाता है।

◆ Email की सेवा आपको प्रदान करने वाली जितनी भी कंपनियां हैं जैसे कि ड्रॉपबॉक्स, यांडेक्स, मीडिया फायर, मेगा आदि सभी इसी का तो इस्तेमाल करती हैं।

Cloud computing का इतिहास क्या है?

अगर हम इसकी शुरुआत की बात करें तो इसकी शुरुआत 1960 से मानी जाती है। उस समय तो आप सबको पता ही है कि Internet इतना ज्यादा प्रचलित भी नहीं था। तब उस समय Cloud computing का होना या न होना बराबर ही था।

इसकी असल शुरुआत तो 1990 में जाकर हुई। इसकी शुरुआत तब हुई जब Salesforce नाम की एक Website ने अपने Users को बेहतर Services को प्रदान करना शुरू किया। जब User को यह Service मिली तो उन्हें आनंद आने लगा और उन्हें ये बेहतर लगने लगा। इसके बाद ही लोग इसके महत्व को समझने लगे और उन्हें ये भी महसूस होने लगा कि आगे जो आने वाला समय होगा उसमें ये कितना ज्यादा महत्वपूर्ण और प्रभावशाली हो जाएगा। लोगों का ये अनुमान सही साबित हुआ और आज देखिए आलम ये है कि कोई भी Website बिना इसके किसी भी Service का इस्तेमाल कर ही नहीं रही है।

आज 21वीं शताब्दी ने जितनी भी बड़ी बड़ी कंपनियां हैं जैसे Microsoft, amazon, google इत्यादि, ये सभी बिना Cloud computing के अपने Users को Services ही प्रदान नहीं करती हैं।

Cloud computing काम कैसे करता है?

इसमें दरअसल होता क्या है कि कई सारे Servers जिन्हें आप कंप्यूटर के तौर पर भी जान सकते हैं, उनमें एक विशेष प्रकार का Software installed रहता है। फिर इसी को काम में लिया जाता है। हो सकता है ये केवल एक ही हों, या फिर ये एक से ज्यादा भी हो सकते हैं। साथ ही दोस्तों इसमें कई सारे Softwares होते हैं।

अगर इसके काम करने का तरीका देखें तो ये Technology basically, dual layers technology पर काम करती है। यहां Back end नाम की एक अलग प्रकार की Layer होती है जिसका उपयोग Servers को Manage करने के लिए किया जाता है। इसके बाद इसमें एक और Layer होती है जिसे Front end के नाम से जाना जाता है और इसका इस्तेमाल Clients करते हैं। बस इन्हीं दोनों यानी Front end और Back end को मिला दिया जाता है और एक Cloud computing बन जाता है।

Cloud computing कितने प्रकार की होती है?

अभी हमने जाना कि आखिर ये होता क्या है अब चलिए देखते हैं कि इनके कितने प्रकार होते हैं।

इनको दो अलग अलग तरीके से Divide किया जाता है जो कि निम्न है –

  1. डिप्लॉयमेंट के आधार पर
  2. Cloud के द्वारा दी जाने वाली Services के आधार पर।

चलिए अब एक एक करके इनके भी Types को देखते हैं-

  1. डिप्लॉयमेंट के आधार पर-

इस आधार पर इन्हें निम्न रूपों  में जाना जाता है –

◆ Private cloud computing – इसमें होता क्या है कि जो Network और Services होती हैं उन्हें एक Private cloud में Store किया जाता है। इसमें कोई एक ही User इसका इस्तेमाल करता है। User अपनी File को किसी अन्य व्यक्ति के साथ Share नहीं कर सकता है। अगर इसका उदाहरण देखें तो Google drive इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण होगा। यहां पर आपका जो भी Data होता है, वो पूरी तरह से Password और Email id की मदद से एकदम Safe and secure रहता है। इसके साथ ही आपके अलावा कोई और आपकी Drive का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

◆ Community cloud computing – इस तरह की जो Cloud computing होती है वो सिर्फ एक ही Community के लोगों के लिए उपलब्ध रहती है। इसके बाद अगर कोई और बाहरी व्यक्ति इसका इस्तेमाल करना चाहता है तो वो इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसको चलिए एक उदाहरण से समझते हैं। अगर आप किसी ऑफिस में काम करते हैं तो वहां पर आप उस ऑफिस की Website के सारे Data और Files को Access कर सकते हैं जब कि कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता है। जितने भी उस ऑफिस के कर्मचारी होंगे वो सब Website पर जाकर ऑफिस के Data को Access कर पाएंगे। बिल्कुल इसी तरह से किसी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर सिर्फ यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग ही चीज़ों को Access कर सकते हैं उसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता है।

◆ Public cloud computing – यह Service provider के द्वारा Manage की जाती है और ये Publicly सभी के लिए उपलब्ध रहती है। ज्यादातर तो ये सुविधा सभी के लिए फ्री में उपलब्ध रहती है या फिर इन पर बहुत ही कम Charge लिया जाता है। Amazon, microsoft आदि जो हैं ये सब इसी का उदाहरण है।

◆ Hybrid cloud computing – इस तरह की Cloud computing में Public और Private दोनों तरह की Cloud computing का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें क्या होता है कि किसी एक ही Site पर कुछ चीज़ें Specific लोगों के लिए उपलब्ध होती हैं और कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जो सभी के लिए उपलब्ध होती हैं। जहां कहीं भी आपको Public और Private दोनों का मिश्रण देखने को मिले, आप तुरंत समझ जाइए कि वहां पर Hybrid cloud computing का इस्तेमाल किया जा रहा है।

  1. Cloud के द्वारा दी जाने वाली Services के आधार पर-

इस तरह भी ये 2 प्रकार के होते हैं जो कि निम्न हैं –

◆ Saas (Software as a service)- इसमें आपको बस एक ही Software मिलता है और ये Remote server पर Hosted होता है। दोस्तों इसका जो उपयोग होता है वो किसी निश्चित काम को करने के लिए किया जाता है। इस तरह की Services का इस्तेमाल ज्यादातर छोटे Business में होता है इनके उदाहरण में हम Google suite, google drive आदि को शामिल कर सकते हैं।

◆ Paas (Platform as a service)- इसमें जो भी Users होते हैं, उन्हें बस एक ही Platform मिलता है। इस Platform में या तो Computing power हो सकती है या फिर Storage power हो सकती है। इसमें आप अगर चाहें भी तो भी किसी चीज़ को Control नहीं कर सकते हैं। इसकी जो Controlling power होती है वो Cloud provider के पास में ही होती है। इसके उदाहरण Yahoo, gmail आदि हैं।

◆ Iaas (Infrastructure as a service)- इसमें जितना भी Control होता है वो User के पास में होता है। Network power, computing power, storage, software आदि हर एक चीज़ का Control, user के हाथ में ही होता है। इसको Business के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। अगर हम इसका उदाहरण देखें तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो VPS यानी Virtual private server ही है।

Cloud computing के क्या-क्या लाभ हैं?

इसके एक नहीं बल्कि ढेर सारे लाभ हैं जो कि हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं-

◆ Less price – Price के हिसाब से भी ये काफी बेहतर है। इसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से Space खरीद सकते हैं। इसके साथ ही आप जितना Space लेते हैं, आपको बस उतने के ही पैसे देने होते हैं। इसका ये मतलब हुआ कि अगर आपको 10GB space की ज़रूरत है तो आप बस इतना ही Space खरीदिए और इतने के ही पैसे दीजिए। न ज्यादा आपको Space खरीदने की ज़रूरत है सुर न ही ज्यादा पैसे देने की।

◆ Large processing power –  इसमें आपको Processing power के साथ भी कोई समझौता नहीं करना पड़ता था। आप जितना चाहें उतना Processing power भी अपने हिसाब से खरीद सकते हैं।

◆ Large storage – ये तो आप सभी को पता है कि इसमें जो भी Data होता है, वो Cloud पर Save होता है जिसकी वजह से आपको Storage की दिक्कत भी नहीं होती है और अपनी जरूरत के हिसाब से Storage को बढ़ा सकते हैं।

◆ Ease of data access – Cloud पर जो भी Data store होता है, उसका मतलब यह होता है कि आप कहीं से भी कभी भी उस Data को Access कर सकते हैं। साथ ही आप किसी भी Device से इसको Access कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस एक बेहतर Internet connection की ज़रूरत होती है। अगर आपके पास Internet connection है तो फिर तो आप कभी भी बिना किसी झंझट के इसको Access कर पाएंगे।

दोस्तों तो ये थी Cloud computing से जुड़ी सारी जानकारी। अब तो आप सब समझ ही गए होंगे कि यह क्या होता है और किस तरह से यह काम करता है।

आज के समय में तो लगभग हर जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है। इससे पहली चीज़ तो ये है कि आपका Data safe रहता है और साथ ही इसका Price भी काफी कम है।

आप अपनी जरूरत के हिसाब से Space को बढ़ा सकते हैं। ये सब खूबियां ही हैं जिसकी वजह से आज हर एक बड़ी कंपनी Cloud computing को बहुत अधिक महत्व दे रही है। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी समझ में आई होगी।

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Satwant Yadav: मैं अपने इस ब्लॉग पे इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर कैर्रिएर से रिलेटेड आर्टिकल पोस्ट करता हु और ये उम्मीद करता हूँ कि ये आपके लिए सहायक हो। अगर आपको मेरा आर्टिकल पसंद आये तो आप इसे लाइक ,कमेंट अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और आपको मुझे कोई भी सुझाव देना है तो आप मुझे ईमेल भी कर सकते है। मेरा ईमेल एड्रेस है – hindipost.net@gmail.com.