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BDC (बीडीसी) कैसे बने, बी.डी.सी का चुनाव

BDC (बीडीसी) कैसे बने, बी.डी.सी का चुनाव

भारत की नींव कृषि पर टिकी हुई है। हमारे देश के किसान ही हमारे देश की शान हैं। कृषि के बिना तो यहां आप जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। आइये जानते हैं – BDC (बीडीसी) कैसे बने, बी.डी.सी का चुनाव

भारत की आधे से ज्यादा Population, मान के चलिए लगभग 67 प्रतिशत जो Population है वो गांवों में निवास करती है और गांव में जीवन यापन का मुख्य स्रोत है कृषि।

गांव के लोग कृषि करते हैं और फसल उगाते हैं। जो अतिरिक्त फसल होती है उसे किसान शहरों में ले जाकर बेच देते हैं और फिर आप और हम उन्हीं को खा पीकर आराम से ज़िंदगी जीते हैं।

क्या आप जानते हैं कि जिन गांवों में अन्न देवता रहते हैं उन गांवों का Development कैसे होता है और कौन उसका जिम्मेदार होता है?

दोस्तों ग्राम प्रधान के बारे में तो आप सबने सुना ही होगा। ग्राम प्रधान ही गांव का मुखिया होता है और गांव के Development को लेकर जो भी कुछ करना होता है वो ग्राम प्रधान के हाथ मे ही होता है।

ग्राम प्रधान गांव की समस्या को अपने ऊपर बैठे अफसरों तक पहुंचाता है और फिर गांव का Development होता है। 

जैसे गांव की जनता सीधे ग्राम प्रधान को Vote देकर चुनती है वैसे ही क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) को भी सीधे जनता के द्वारा चुना जाता है।

जितने भी BDC चुने जाते हैं वो सभी मिलकर एक Block प्रमुख का चुनाव करते हैं और वो Block प्रमुख BDC सदस्य का एक मुखिया होता है।

यहां BDC को हम ने आप लोगों के साथ इसलिए Introduce किया क्योंकि ग्राम पंचायत में इसकी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

ग्राम पंचायत के कुछ कामों जैसे खड़ंजा लगवाना, नाली का निर्माण करवाना आदि BDC की देखरेख में ही होते हैं। आइये इसीलिए जानते हैं BDC के बारे में थोड़ा विस्तार से।

BDC क्या है?

ये तो आप सभी जानते ही होंगे कि जो क्षेत्र पंचायत सदस्य होते हैं वो पूरे ग्राम सभा में ऐसे ही नहीं चुन लिए जाते हैं।

उन्हें Wards के हिसाब से चुना जाता है। अगर ग्राम सभा बड़ी रहती है तो ये पंचायत सदस्य कई हो सकते हैं।

इसी ग्राम पंचायत का ही भाग होता हैं BDC, जिनके ऊपर ग्राम पंचायत के कुछ कामों की जिम्मेदारी रहती है।

BDC की Full form क्या है?

BDC की Full form की अगर बात करें तो इसकी Full form होती है ‘Block development council’, कभी कभी इसी BDC को ‘Block development committee’ के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।

इसके अलावा BDC को कुछ लोग इसके Hindi नाम से जानते हैं जो है ‘प्रखंड विकास समिति’।

कई जगहों पर BDC को सीधे क्षेत्र पंचायत सदस्य के नाम से भी जाना जाता है। 

BDC चुनाव का Process क्या है?

भारत के संविधान में Article 243 के अंतर्गत पंचायती राज का प्रावधान किया गया है।

इसी के अंतर्गत ग्राम पंचायत और ग्राम का पर्व5किया गया है। वहीं कुछ ऐसे भी क्षेत्र होते हैं जो न तो पूरी तरह से शहर होते हैं और न ही पूरी तरह से कस्बे होते हैं, ये वही नगर होते हैं जिन्हें हम नगर पंचायत के तौर पर जानते हैं।

इसी नगर पंचायत के अंतर्गत पंचायत सदस्य, Block प्रमुख, ग्राम प्रधान तथा BDC वगेरह का चुनाव करवाया जाता है।

जिस तरह से ग्राम प्रधान का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा किया जाता है वैसे ही BDC का चुनाव भी सामान्य तौर पर जनता के द्वारा ही होता है।

BDC की भी साधारण चुनाव प्रक्रिया होती है और ये चुनाव राज्य सरकार का निर्वाचन आयोग करवाता है।

इस चुनाव का आधार होता है Ballot paper, तथा इस Process में ग्राम सभा की जो जनता होती है वो सीधे सीधे इसमें हिस्सा लेती है।

इसके साथ ही इसमें एक Ward भी निर्धारित किया जाता है। अतः जो Voters उस Ward के अंतर्गत आते हैं वही Voters इस चुनाव में भाग ले सकते हैं।

ये तो हम आप सबको बता ही चुके हैं कि एक ग्राम पंचायत में एक से ज्यादा BDC हो सकते हैं।

जो ऊपर दी गई चुनाव की Process को Qualify कर लेता है यानी जीत जाता है उसी को BDC घोषित कर दिया जाता है।

BDC के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

अभी तक तो BDC को लेकर किसी भी प्रकार की कोई न्यूनतम योग्यता नहीं तय की गई है।

इसके अलावा अलग अलग राज्यों की सरकारें प्रधान को लेकर जिस तरह की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करती है वैसे ही BDC को लेकर भी कुछ न्यूनतम योग्यता को रखने का प्रावधान कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार भी अभी होने जा रहे ग्राम पंचायत के चुनाव में BDC को लेकर कुछ न्यूनतम योग्यता लाने की कोई तरकीब के बारे में सोच रही है। 

BDC सदस्य बनने के लिए कौन से ज़रूरी Documents चाहिए?

BDC सदस्य बनने के लिए कुछ चीज़ो की बहुत जरूरत होती है जो कि निम्न हैं –

◆ इसके लिए आपका Character certificate लगेगा।

◆ आधार कार्ड

◆ PAN कार्ड

◆ आयु प्रमाण पत्र

◆ Self attested affidavit

◆ अगर आप SC/ST/OBC Category से हैं तो आपका जाती प्रमाण पत्र भी अनिवार्य है 

◆ इसके लिए BDC का जो भी प्रत्याशी है उसका नाम Voters list में ज़रूर होना चाहिए।

BDC की Salary क्या होती है?

अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो BDC को लेकर अभी तक कोई भी Salary निर्धारित नहीं की गई है। वहीं देश में ऐसे भी कुछ राज्य हैं जहां पर उन्हें मानदेय के रूप में Salary दी जाती है।

जैसे कि मध्यप्रदेश में जो क्षेत्र पंचायत सदस्य होते हैं उन्हें मानदेय के रूप में 4500 रुपये से लेकर 4800 रुपये तक दिए जाते हैं।

ग्राम पंचायतों को लेकर अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रावधान है इसीलिए BDC को लेकर भी हर राज्य में अपनी अलग अलग ही Salary होती है।

अब दोस्तों आप सब जान ही गए होंगे कि BDC होता क्या है तथा BDC बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए और इसका चुनाव किस तरह से करवाया जाता है।

BDC के लिए अभी हर राज्य में कोई न्यूनतम योग्यता तो निर्धारित नहीं की गई है मगर आने वाले समय में इसके लिए भी न्यूनतम योग्यता को लेकर कुछ न कुछ प्रावधान ज़रूर किया जाएगा।

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